लेख
30-Jul-2025
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जवाब की जगह इतिहास के पीछे छिपी सरकार लोकसभा में “ऑपरेशन सिंदूर” पर चल रही बहस मंगलवार को समाप्त हो गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में जवाब दिया। विपक्षी द्वारा जो सवाल उठाए गए थे. उसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार का पक्ष रखा। विपक्ष ने जहां एक-एक मुद्दे पर सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया। वहीं सरकार ने 1948 से लेकर मनमोहन सिंह के कार्यकाल के पीछे छुपकर विपक्षी सांसदों ने जिन सवालों के जवाब सरकार से मांगे थे। वह उन्हें सदन में नहीं मिले. ऑपरेशन सिंदूर की 16 घंटे की बहस में विपक्ष ने सत्ता पक्ष की जवाबदेही को लेकर कई गंभीर प्रश्न किये थे। ‘विशेष चर्चा’ के नाम से संसद में पहली बार चर्चा की गई। ‘स्पेशल डिस्कशन’ जैसी कोई प्रक्रिया का उल्लेख नियमों एवं परंपरा में नहीं है। विपक्ष ने शुरुआत में आपत्ति जताई थी, बहस किसी नियम या परंपरा के स्थान पर सरकार ने नए ढंग से सदन में चर्चा कराई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान जिसमें उन्होंने कहा यदि विपक्षी सांसद शांत नहीं रहे, तो कल सत्ता पक्ष के सांसद भी राहुल गांधी को बोलने नहीं देंगे। ऐसी धमकी बहुत कम सुनने को मिलती है। विपक्ष, विदेश मंत्री के भाषण पर आपत्ति कर रहा था। अमित शाह का यह बयान संसद की गरिमा और स्पीकर की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के भाषण की बात करें, तो उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमले, भारत-पाक युद्धविराम और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर किए गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. उनका 40 से 50 मिनट का भाषण ज्वलंत सवालों के जबाब के बजाय, जबाब ने और उलझा दिया। उन्होंने कहा 22 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। बाद में भी सरकार की ओर से जिन वक्ताओं ने जवाब दिए उसमें से चीन और ट्रंप पुरी तरह से गायब रहे। विदेश मंत्री ने अगर बातचीत नहीं हुई तो डोनाल्ड ट्रंप ने कैसे पहले ट्वीट कर युद्धविराम की जानकारी दी? इसका भी जबाब नहीं दिया। विपक्षी सांसदों ने ट्रंप द्वारा विभिन्न मंचों से करीब 26 बार युद्ध विराम ट्रेड के आधार पर कराने का दावा किया. इसके बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया. विपक्ष द्वारा आपत्ति किए जाने पर अमित शाह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, विपक्ष को अपने विदेश मंत्री पर भरोसा करना चाहिए.वह शपथ लेकर आए हैं। राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में ट्रंप का नाम तक नहीं लिया। नाहि विपक्ष ने किसी सवाल का सीधा जबाब नहीं दिया। प्रियंका गांधी ने बड़े आक्रामक ढंग से सदन में अपनी बात रखी, पिन पॉइंट सवाल पूछे, उन्होंने अपने पिता की शहादत और मां की वेदना का भी जिक्र किया। सरकार की ओर से जवाब नहीं मिलने से विपक्ष को हमलावर होने का अवसर मिला, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में जिस आक्रामक तरीके से अपनी बात रखी। देश में राहुल गांधी की नई छवि सामने आई है। सीमित समय पर उन्होंने तथ्यों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर सीधे वार किये। सदन में राहुल गांधी अपना पक्ष रख रहे थे. उन्हें बड़े ध्यान से सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद सुन रहे थे। संसद में राहुल गांधी ने जिस तरह हाव भाव के साथ हिंदी अग्रेजी में अपना पक्ष रखा। उसके बाद अब कोई उन्हें पप्पू नहीं कहेगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में लगभग 2 घंटे का अपना सबसे लंबा भाषण दिया. उन्होंने भी विपक्ष के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया. उलटे 1948 से लेकर 2014 तक के इतिहास को लेकर कांग्रेस और विपक्ष पर हमलावर रहे. ऑपरेशन सिंदूर में हो रही विशेष बहस के दौरान सत्ता पक्ष के बीच में वह जोश खरोश देखने को नहीं मिला. जो प्रधानमंत्री की उपस्थिति में देखने को मिलता था। प्रधानमंत्री के भाषण में भी वह आकर्षण नहीं था, जो पहले होता था। ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी खासियत यह रही, विपक्ष को अपनी बात कहने और रिकॉर्ड पर लाने का मौका मिला। गृहमंत्री और विदेश मंत्री का इस्तीफा भी विपक्ष ने मांग लिया। यह बहस बिना किसी नियम कानून के हो रही थी. विपक्ष के प्रस्ताव पर सबसे पहले सदन के अंदर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले/ समापन भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हुआ। जिसके कारण विपक्ष को जवाब नहीं मिलने के बाद भी वह सदन में खड़े होकर अपनी बात नहीं रख पाए। अब यह देखना दिलचस्प होगा, राज्यसभा में होने वाली चर्चा में क्या सरकार की ओर से कोई जवाब सामने आता है। इतना तय है “ऑपरेशन सिंदूर” सुरक्षा से जुडा अभियान नहीं रहा, एक कूटनीतिक और राजनीतिक मंथन का विषय बन गया है। विपक्षी सदस्यों का विशेष रूप से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जिस तरह से सरकार को ऑपरेशन सिंदूर की बहस में घेरा है। उसमें विपक्ष का जो आत्मविश्वास झलक रहा था। बहुत लंबे समय के बाद सदन में इस तरह की बहस देखने और सुनने को मिली है। इसके साथ सरकार आपरेशन सिंदूर का जो फायदा बिहार चुनाव में लेने जा रही थी। विपक्ष ने उसमें पलीता लगा दिया है। ईएमएस/30/07/2025