छिंदवाड़ा (ईएमएस)। भोपाल में चल रहे प्रदेश के विधानसभा सत्र के दौरान छिदंवाड़ा जिले में वेकोलि की बंद खदानों की लीज निरस्त का मामला फिर से उठा। परासिया विधायक सोहन वाल्मिक ने यह सवाल पटल पर रखा था। उन्होनें कि सालों से जिले परासिया से लेकर दमुआ-तानसी में वेस्टर्न कोल फील्ड की कई खदाने बंद हो चुकी है। वहां कोयला उत्पादन नहीं हो रहा है लेकिन ये जमीने अभी भी वेकोलि के पास है। यदि उनकी लीज निरस्त की जाती है है तो उसका उपयोग गरीबों केा पट्टा वितरण या अन्य कामों में लिया जा सकता है। इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री क मलनाथ ने भी कहा कि डब्लूसीएल और ईसीसीएल की कई खदाने जो बंद हो चुकी है उनकी लीज केंसिल की जाए। कमलनाथ ने कहा था कि हजारों एकड़ जमीन राज्य सरकार को मिल सकती है जो गरीबों को रहने के लिए वितरित की जा सकती है या फिर राज्य सरकार उनका उपयेाग कर सकता है। इस पर राजस्व मंत्री करण शर्मा ने कहा कि ये मामला केंद्र सरकार के अधीन है लीज केंद्र सरकार देती है वही निरस्त करेगी। इस पर कमलनाथ ने कहा कि ऐसा नहीं है। जब वे मुख्यमंत्री थे तो उन्होनें इसकी शुरुआत की थी। इसका कोल कंपनियों ने भी समर्थन किया था क्योंकि उन्हें खाली जमीन के रखरखाव और उसकी सुरक्षा के लिए लाखों रुपए खर्च करना थे। इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भी लिख गया है। प्रदेश सरकार को इस संबंध में अपनी तरफ से कार्यवाही आगे बढ़ाना चाहिए। इस मामले में जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके ने भी कहा कि हमारे वेकोलि क्षेत्र में कई खदानों को बंद हुए 25-30साल हो गए हैं हम सालों से उन जगहों के लीज निरस्तीकरण की बात कह रहे हैं। इस जमीन में गरीबों को पट्टा देने के साथ कमर्शियल उपयोग भी सरकार कर सकती है जो इन उजड़ चुके क्षेत्रों को फिर से विकसित कर सकता है। ईएमएस/मोहने/ 31 जुलाई 2025