छिंदवाड़ा (ईएमएस)। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने गुरूवार को अमरवाड़ा स्थित मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित के उर्वरक भंडारण केंद्र का औचक निरीक्षण किया। उनके साथ पुलिस अधीक्षक अजय पांडेय एवं सीईओ जिला पंचायत अग्रिम कुमार भी उपस्थित रहे। कलेक्टर को यहां सूचना मिल रही थीं कि केंद्र पर यूरिया लेने के लिए किसानों की भीड़ बढ़ रही है और कतारें लंबी लग रही हैं। इसी की वस्तुस्थिति जानने और आवश्यक निर्देश देने के उद्देश्य से वे स्वयं मौके पर पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वितरण पंजी, स्टॉक रजिस्टर, भंडारण व्यवस्था, माल निकासी प्रक्रिया और स्थिति का गहन अवलोकन किया। उन्होंने केंद्र पर मौजूद किसानों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं और सुझाव सुने। कलेक्टर ने किसानों से कहा कि जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। रैक लगातार प्राप्त हो रही हैं और हर पात्र किसान को यूरिया मिलेगा। घबराएं नहीं, थोड़ा धैर्य रखें, प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है। कलेक्टर ने तत्काल निर्देश दिए कि केंद्र पर यूरिया वितरण के लिए अतिरिक्त काउंटर लगाए जाएं ताकि किसानों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और प्रतीक्षा समय कम हो। इस दौरान एसडीएम अमरवाड़ा हेमकरण धुर्वे और उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। किसानों की आवाज दबा रहा प्रशासन: कमलनाथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि पूरे प्रदेश में खाद का संकट है और दूसरी तरफ परेशान किसानों पर मामले दर्ज किए जा रहे हैं। प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने किसानों की आवाज को दबा रहा है। गुरुवार को ततीन दिनी दौरे पर छिंदवाड़ा आए कमलनाथ ने हवाई पट्टी पर पत्रकारों के पूछे सवाल पर यह प्रतिक्रिया व्यक्त की। जिले के लगभग 130 किसानों पर अपराध पंजीबद्ध करने की जानकारी मिली है यह भाजपा सरकार की असंवेदनशीलता व किसान विरोधी मानसिकता को उजागर करती है। अन्नदाता के साथ भाजपा का यह बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक अन्य प्रश्र पर जबाव देते हुए उन्होनें कहा कि सरकार की नीतियां व नियत स्पष्ट रूप से जनता के सामने हैं। प्रदेशभर में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने का खेल चल रहा है। जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जे किए जा रहे और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है, यह केवल आदिवासी भाइयों की जमीन खरीद फरोख्त का मामला नहीं है, बल्कि आदिवासी जनजाति पर सीधा हमला है, उन्हें जमीनों से बेदखल करने की साजिश है। ईएमएस/मोहने/ 31 जुलाई 2025