नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में हुई भारी बारिश के बाद हुए जलभराव ने शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया। जलभराव और बारिश के बाद पनपे हालात को लेकर एक सर्वे किया गया है, जिसमें बताया गया है कि कैसे जलभराव से दिल्ली-एनसीआर के 73 फीसदी लोग परेशान रहते हैं। जानिए इस रिपोर्ट में ये 73 फीसदी लोग इसके लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं? दिल्ली में 29 जुलाई को आफत की बारिश हुई थी। इतनी बारिश कि दिल्ली महज दो घंटे में ही डूब गई। उस दिन दो घंटे के अंदर 100.2 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। इसके कारण शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया। यातायात प्रभावित हुआ। लोगों को परेशानी हुई। दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद में लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। अमूमन हर भारी बारिश में दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद की सड़कें और पुल के नीचे वाले इलाके जलमग्न हो जाते हैं और वाहनों का चलना मुश्किल हो जाता है। ज्यादा रखरखाव का भी जिक्र किया है। हर पांच में एक इंसान का यही हाल है। 60 फीसदी लोगों यानी 5 में से 3 का कहना है जलभराव के कारण उनकी प्रोडक्टिविटी और काम के घंटों में कमी आई है। सबसे आश्चर्य की बात कि सर्वे में शामिल 73 फीसदी लोगों ने जलभराव की तैयारियों के मामले में अपने स्थानीय प्रशासन को खराब बताया है। इस सर्वे रिपोर्ट से यही पता चलता है कि दिल्ली-एनसीआर के लोक जानते हैं कि आखिर समस्या कहां है? अधिकारियों को जलभराव की समस्याओं पर ज्यादा ध्यान देना होगा और बुनियादी ढांचे को सुधारना होगा। थोड़ी बहुत भारी बारिश में जो सड़कें और अंडरब्रिज जलमग्न हो जाते हैं, उन पर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि इससे वाहनों के साथ-साथ सड़कों को भी नुकसान पहुंचता है। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/01/अगस्त /2025