क्षेत्रीय
01-Aug-2025
...


प्रशासन की टीमें मैदान में उतरी, उधार हेलमेट लेकर डलवा रहे पेट्रोल - कॉलेज छात्र-छात्राओं सहित सैकड़ों लोग पंप से वापस लौटे भोपाल(ईएमएस)। भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के बिना हेलमेट के पेट्रोल देने पर रोक लगाने के आदेश का शुक्रवार को राजधानी में व्यापक असर देखने को मिला। कलेक्टर ने 30 जुलाई को यह आदेश जारी किया था। इसके चलते पहले दिन बिना हेलमेट के आये वाहन चालको को पैट्रोल और जिनके पास सीएनजी से चलने वाली बाइक है, उनको सीएनजी भी नहीं दी गई। इस दौरान कई वाहन चालक पेट्रोल भरवाने के लिए पंपो से दूर खड़े रहकर अन्य वाहन चालको से हेलमेट मांगते नजर आये। वहीं इस बात को लेकर कई पंपों पर वाहन चालक पंप कर्मचरियो से बहस बाजी करते नजर आए। भोपाल में सुबह के समय कई पेट्रोल पंपों पर समझाइश देते हुए बिना हेलमेट के भी पेट्रोल दिया जा रहा था, लेकिन प्रशासन की टीमें जांच करने मैदान में उतरी तब संचालकों ने सख्ती करते हुए ऐसे वाहन चालको को पैट्रोल देने से मना करते हुए वापस लौटाना शुरु कर दिया। जानकारी के अनुसार भोपाल में 192 पेट्रोल पंप है। इन पेट्रोल पंपो पर आदेश के पहले दिन छात्र-छात्राओ सहित सैकड़ो वाहन चालको को बिना पेट्रोल दिये ही लौटा दिया गया। पैट्रोल पंप कर्मचारियो ने बताया की वाहन चालको को प्रशासन के आदेश की जानकारी देते हुए समझाइश दी गई की उन्हें दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा और वह हेलमेट पहनकर आयेंगे तभी उनके वाहन में पेट्रोल भरा जायेगा। गौरतलब है कि दो दिन पहले कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के आदेश में कहा गया है, कि इस संबंध में समय-समय पर केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मप्र मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा-129 में स्पष्ट प्रावधान है कि प्रत्येक दो पहिया वाहन सवारी और वाहन चालक अनिवार्य रूप से आईएसआई मार्क हेलमेट (सुरक्षात्मक टोप) पहनेगा। बिना हेलमेट पहने दो पहिया वाहन चलाने से हादसे की संभावना बनी रहती है। हेलमेट से जान काफी हद तक बच सकती है। कलेक्टर ने एकपक्षीय आदेश पारित किया है। हालांकि यह प्रतिबंध मेडिकल संबंधी मामलों व आकस्मिक स्थिति में लागू नहीं होगा। आदेश में कहा गया है की इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था और संचालक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता-23 की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जा सकेगी। जुनेद / 1 अगस्त