अंतरिम सरकार ने शेख हसीना की पार्टी लगाया बैन, नहीं लड़ सकेंगी चुनाव ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने ऐलान किया है कि अगला आम चुनाव फरवरी 2026 में रमजान माह से पहले कराया जाएगा। पहले अप्रैल में चुनाव कराने की बात कही गई थी, लेकिन अब सभी प्रमुख दलों से बातचीत के बाद तारीख बदली गई है। यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश ने नई दिशा में कदम रखा है और इस बदलाव को स्थायी बनाने के लिए जनता की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण, पारदर्शी और लोकतांत्रिक होंगे। यूनुस का यह ऐलान बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और खालिदा जिया जैसे नेताओं की मांगों के बाद सामने आया है, जो जल्द चुनाव चाहते थे। इस नई प्रक्रिया में बीएनपी, जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) जैसे राजनीतिक दल भी जुड़े हुए हैं। इन दलों को शेख हसीना सरकार के खिलाफ जनआंदोलन का चेहरा माना जाता है। अंतरिम सरकार ने ‘जुलाई डिक्लेरेशन’ नाम से एक 26 बिंदुओं वाला डॉक्यूमेंट जारी किया, इसमें सरकार, संविधान और राजनीति से जुड़े बड़े बदलावों का ब्लूप्रिंट पेश किया गया है। इस डिक्लेरेशन में बांग्लादेश के मौलिक संविधान को असफल बताते हुए कहा गया कि 1972 में बना संविधान जनता की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सका। इसमें शेख हसीना की आलोचना करते हुए कहा गया है कि उनकी सरकार ने बांग्लादेश को एक तानाशाही, माफिया और फेल स्टेट में तब्दील कर दिया था। इस घोषणा में मांग की गई कि 2024 के जनउभार को आधिकारिक मान्यता मिले और जुलाई डिक्लेरेशन को संविधान में शामिल किया जाए। देश की पूर्व पीएम शेख हसीना जो 15 साल तक सत्ता में रहीं, वह अगस्त 2024 में भारी जनप्रदर्शन के बाद भारत भाग गई थीं। अब उनकी पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और चुनाव आयोग ने उसका पंजीकरण भी रद्द कर दिया है यानी जब तक यह प्रतिबंध नहीं हटता, पार्टी चुनाव नहीं लड़ सकेगी। हसीना सरकार की विदाई की वर्षगांठ पर राजधानी ढाका के मानिक मिया एवेन्यू पर हजारों लोगों ने जश्न मनाया। सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया है और पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने चेतावनी दी है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार मानवाधिकारों और न्यायिक सुधारों को लेकर धीमी है। एचआरडब्ल्यू की एशिया डायरेक्टर मीनाक्षी गांगुली ने कहा कि अंतरिम सरकार को कट्टरपंथी ताकतों और राजनीतिक दबावों के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण लग रहा है। सिराज/ईएमएस 06अगस्त25