राष्ट्रीय
06-Aug-2025


देहरादून,(ईएमएस)। देवभूमि उत्तराखंड में उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से 4 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार सुबह रेस्क्यू-सर्च ऑपरेशन के दौरान एक डेडबॉडी बरामद की गई। उसकी पहचान की जा रही है। 50 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। मंगलवार से लेकर अभी तक 150 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और आर्मी की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। बुधवार सुबह पीएम मोदी ने उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की। इसके बाद धामी ने धराली और दूसरी जगहों का हवाई सर्वे किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बैठक भी की। हिमालय की दरार पर बसा है धराली, 10 साल में तीसरी बार तबाह हुआ धराली गांव में 1864, 2013 और 2014 में भी पहाड़ पर बादल फटे थे। इससे खीर नाले ने तबाही मचाई। भूगर्भ वैज्ञानिकों ने तीनों ही आपदाओं के बाद धराली गांव को कहीं और बसाने की सलाह राज्य सरकार को दी। यह भी बताया कि आपदा के लिहाज से धराली टाइम बम पर बैठा है, लेकिन गांव को शिफ्ट नहीं किया गया। वरिष्ठ भूगर्भ वैज्ञानिक प्रो. एसपी सती बताते हैं कि धराली ट्रांस हिमालय (4 हजार मी. से ऊपर) में मौजूद मेन सेंट्रल थर्स्ट में है। यह एक दरार होती है, जो मुख्य हिमालय को ट्रांस हिमालय से जोड़ती है। ये भूकंप का अति संवेदनशील जोन भी है। जिस पहाड़ से खीर गंगा नदी आती है, वहां 6 हजार मी. ऊंचा है, जब भी वहां से सैलाब आता है, धराली को तहस-नहस कर देता है। करीब 6 महीने पहले पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर खीर नदी में गिर रहा था, लेकिन ये अटक गया। संभवत: इस बार वहीं हिस्सा टूटकर नीचे आया है। 1500 साल पुराना कल्प केदार मंदिर भी ध्वस्त आपदा में धराली में स्थित प्राचीन कल्प केदार महादेव मंदिर भी मलबे में दफन हो गया। भागीरथी नदी किनारे स्थित 1500 साल पुराना यह मंदिर पंच केदार परंपरा से जुड़ा है। स्थानीय लोगों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र था। आशीष दुबे / 06 अगस्त 2025