राष्ट्रीय
06-Aug-2025


चंडीगढ़,(ईएमएस)। चंडीगढ़ पुलिस द्वारा दो कथित ड्रग तस्करों, बाला और दीपक मित्तल उर्फ विक्की, को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेजने की योजना पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के तीन रिटायर्ड जजों की एडवाइजरी कमेटी ने रोक लगा दी है। दरअसल कमेटी ने चंडीगढ़ पुलिस द्वारा तैयार की गई केस फाइल को कमजोर बताया है। पुलिस ने इन दोनों को पीआईटीएनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। यह एक्ट पुलिस को बिना ट्रायल के किसी व्यक्ति को हिरासत में रखने की अनुमति देता है, अगर वह लगातार ड्रग तस्करी के नेटवर्क में सक्रिय हो। मामले में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों (एस.एस. मैदान, शेखर धवन और कुलदीप सिंह) की एडवाइजरी कमेटी ने पुलिस द्वारा दिए गए जवाबों से असंतुष्ट होने के बाद, दोनों आरोपियों को डिब्रूगढ़ जेल भेजने से इंकार कर दिया। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। इसके बाद पुलिस को दोनों को जेल से रिहा करना पड़ा। यह फैसला चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच के लिए एक झटका है, जो कि पहले इन गिरफ्तारियों को ड्रग नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी सफलता बता रही थी। इस घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 60 वर्षीय बाला एक आदतन अपराधी है जिसके खिलाफ 36 से ज़्यादा केस दर्ज हैं, जिसमें से 10 एनडीपीएस एक्ट के तहत हैं। इसी तरह, दीपक मित्तल उर्फ विक्की भी हेरोइन तस्करी के कई मामलों में आरोपी है और नशे के नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। आशीष दुबे / 06 अगस्त 2025