राष्ट्रीय
06-Aug-2025


अहमदाबाद (ईएमएस)| प्रधानमंत्री एवं श्री सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी के सतत मार्गदर्शन में, करोड़ों तीर्थयात्रियों को हर साल सोमनाथ में उत्कृष्ट रेल और बस नेटवर्क, न्यूनतम दरों पर उत्कृष्ट आवास और निःशुल्क भोजन की सुविधा के साथ सम्मानजनक दर्शन और प्रेमपूर्ण आतिथ्य का विश्वस्तरीय अनुभव प्राप्त हो रहा है। विशेषकर श्रावण 2025 में जब लाखों श्रद्धालु सोमनाथ में दर्शन, जप, तप और पाठ करके महादेव को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना कर रहे हैं, तो देश भर के कलाकार इस स्थान पर अपनी नृत्य पूजा प्रस्तुत कर रहे हैं। यह शुभ संयोग सोमनाथ में सांस्कृतिक और कलात्मक चेतना को पुनर्जीवित कर रहा है। प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से सोमनाथ की सांस्कृतिक पुनर्स्थापना: सदियों पहले, हजारों नर्तकों ने प्रथम ज्योतिलिंग सोमनाथ महादेव के चरणों में कला और कल्याण के देवता नटराज सोमनाथ महादेव की आराधना करते हुए अपने नृत्य प्रस्तुत किए थे। यह कई पुस्तकों और लेखों में पाया जाता है। प्राचीन कला उपासना की दिव्य परंपरा और भारतीय नृत्य शैलियों में निहित शिव तत्व को पुनः उजागर करने का यह दिव्य संकल्प प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से वन्दे सोमनाथ कला महोत्सव के अभूतपूर्व आयोजन के रूप में साकार हुआ है। आयोजनों की श्रृंखला: श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा निर्मित तीन विशेष मंचों पर विभिन्न भारतीय नृत्य शैलियों के कुशल कलाकारों द्वारा गायन, वादन और प्रकाश व्यवस्था के साथ भक्ति और कला का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया जाएगा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) और गुजरात पर्यटन विभाग के सहयोग से श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस महोत्सव का उद्देश्य श्री नरेन्द्रभाई मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार भारत के तीर्थ स्थलों और मंदिरों के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव को पुनर्स्थापित करना है। प्रथम चरण: वंदे सोमनाथ कला महोत्सव के प्रथम चरण में श्री पवित्रा भट्ट एवं उनकी टीम ने भरतनाट्यम का मनमोहक प्रदर्शन किया। इसके अलावा, श्री कदम पारिख और वृंद ने कथक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि नम्रता मेहता और सिद्धि वैकर ने पारंपरिक ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया। दूसरा चरण: वंदे सोमनाथ कला महोत्सव के दूसरे चरण में, पुणे के नादरूप समूह द्वारा दो दिव्य स्थानों - श्री सोमनाथ मंदिर चौपाटी मैदान और समुद्र दर्शन वॉकवे पर कथक नृत्य, रेमा श्रीकांत (ईसीपीए) फाउंडेशन वडोदरा और उनके शिष्यों द्वारा भरतनाट्यम और सोनल शाह और उनके शिष्यों द्वारा हुडो, राहडो सहित पारंपरिक गुजराती नृत्य, गार्गी ब्यावर्ती और देवांशी देवगौरी तथा श्रीमती देविका देवेंद्र एस मंगला मुखी के कथक नृत्य प्रदर्शन से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। तीसरा चरण: वंदे सोमनाथ कला महोत्सव का तीसरा चरण सोमनाथ के तीन अद्भुत दर्शनीय स्थलों पर एक साथ आयोजित किया गया। सोमनाथ मंदिर के निकट सागर दर्शन पहुँच क्षेत्र, समुद्र दर्शन पथ प्रोमेनेड वॉकवे और सोमनाथ मंदिर चौपाटी मैदान में अंजलि स्मारक समिति द्वारा भरतनाट्यम, आनंदलहरी स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स, मुंबई द्वारा शिव आराधना, कोलकाता के ध्रुबा इंस्टीट्यूट ऑफ डांस फाउंडेशन द्वारा पारंपरिक शैली में भरतनाट्यम और पुणे के ईशावास्य गुरुकुलम द्वारा कथक नृत्य प्रस्तुत किया गया। चौथा चरण: कार्यक्रम के चौथे चरण में 4 अगस्त को उदयपुर राजस्थान के श्री कृष्णेंदु साहा एवं नृत्योर्मी स्कूल द्वारा ओडिसी नृत्य, पुणे महाराष्ट्र से कलावर्धिनी डांस कंपनी द्वारा भरतनाट्यम, अहमदाबाद से आई स्मिता शास्त्री नृत्य समूह द्वारा कुचिपुड़ी नृत्य प्रस्तुत किया गया तथा दिल्ली से आई लीना मालाकार विज एवं टीम द्वारा कथक नृत्य प्रस्तुत किया गया तथा शिव की आराधना की गई। आगामी पाँचवाँ और छठा चरण: पाँचवाँ चरण 11 अगस्त, 2025 को आयोजित किया जाएगा, जिसमें दिल्ली से सुब्रत पांडा और रसा स्कूल ऑफ़ ओडिसी नृत्य, तत्व अकादमी, वडोदरा की धृति पंड्या द्वारा कथक नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा तथा श्री सोमनाथ महादेव की भक्ति में अपल शाह के एस.पी.ए. नृत्य संस्थान, अहमदाबाद द्वारा पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। जबकि छठा चरण 18 अगस्त 2025 को श्रावण के अंतिम सोमवार को भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। इसमें दिल्ली से श्रीमती लिप्सा सत्पथी और उनकी टीम द्वारा नृत्य प्रदर्शन, दिल्ली से कलामंडलम विष्णुप्रिया और उनकी टीम द्वारा दुर्लभ मोहिनीअट्टम शामिल होगा। वडोदरा की कल्पा सर्जनी द्वारा कथक नृत्य, अहमदाबाद की नृत्यम अकादमी द्वारा भरतनाट्यम और कदम नृत्य केंद्र द्वारा कथक नृत्य के अत्यंत कलात्मक कार्यक्रम दादा के चरणों में भक्तिपूर्वक अर्पित किए जाएँगे। समापन : वंदे सोमनाथ केवल एक कला उत्सव नहीं है; यह सोमनाथ की धरती पर सांस्कृतिक दिव्यता और कलात्मक विरासत की पुनर्स्थापना है। भारतीय संस्कृति और गौरव के पुनर्प्रतिष्ठाता, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता से, सोमनाथ तीर्थ केवल धार्मिक ही नहीं, लेकिन संस्कृति गौरवशाली विरासत का केंद्र बन रही है - जहाँ भक्ति, भव्य विरासत और भारतीयता एक साथ आती है। श्री सोमनाथ ट्रस्ट और आईजीएनसीए द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों में यह अनुभूति होती है कि जिस प्रकार महारानी चौलादेवी के समय में हजारों नर्तकियां सोमनाथ में भगवान महादेव की आराधना करती थीं, उसी प्रकार आज सोमनाथ का कलात्मक स्वर्णिम युग पुनः स्थापित हो गया है। सतीश/06 अगस्त