लेख
07-Aug-2025
...


भारत में राजनीति और कारोबार के गलियारे अक्सर आपस में ‎हित टकराते हैं। अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रियल एस्टेट मॉडल भारत में एक ऐसा उदाहरण है। जो ना तो राजनीति में प्रत्यक्ष रूप में है, नाही व्यापार में प्रत्यक्ष रूप से शामिल है। फिर भी ट्रंप का भारत से मुनाफा सभी के ‎लिये अकल्पनीय है। ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने पिछले दशक में भारत से लगभग 175 करोड़ रुपये की कमाई की है। ट्रम्प की कंपनी ने एक रुपये का भी सीधा निवेश भारत में नहीं किया है। यह किसी जादू से कम नहीं है। ट्रंप की ब्रांडिंग, एक ऐसी रणनीति है। जो ब्रांड वैल्यू के दम पर भारत से करोड़ों रुपए प्रतिवर्ष कमाती है। भारत सरकार को 1 रूपये का टैक्स भी नहीं देती है। डोनाल्ड ट्रंप भारत में केवल अपना नाम देते हैं। ट्रंप की कंपनी निर्माण क्षेत्र में भारत में कोई काम नहीं करती है। कोई रोजगार नहीं देती है। 1रूपये की पूंजी भी नहीं लगाती है। ट्रंप के लिए भारत के रियल एस्टेट के कारोबारी उसके ब्रांड का नाम लेकर रॉयल्टी के रूप में करोड़ों रुपए उसे देते हैं। भारतीय रियल एस्टेट के डेवलपर्स जैसे लोढ़ा, एम3एम, ट्रिबेका, कंप‎नियां ट्रंप ब्रांड का इस्तेमाल करती हैं। ट्रंप टावर के नाम से रियल एस्टेट में जो कारोबार भारत में किया जाता है। ट्रंप नाम के रियल एस्टेट के कारोबार में बिक्री से भारतीय कंप‎नियां मुनाफा कमाती हैं। जिसमें ट्रंप को 3-5% की रॉयल्टी अमेरिका में बैठे बिठाये ट्रम्प को मिलती है। ट्रंप भारत से इसी मॉडल के तहत मुंबई, गुरुग्राम, पुणे, हैदराबाद से लेकर कोलकाता मे करीब 13 रियल स्टेट के प्रोजेक्ट्स से भारी कमाई कर रहे हैं। केवल गुरुग्राम प्रोजेक्ट के लॉन्च मे पहले दिन ही 3,250 करोड़ की बिक्री हो गई। बड़े-बड़े पूंजीपतियों के बीच में ट्रंप का नाम मोदी से बड़ा है। ट्रंप को सारी दुनिया में विलासिता और नए-नए शौक का प्रतीक माना जाता है। मोदी सरकार की किसी भी योजना से ज्यादा ट्रंप टावर के नाम पर बने रियल स्टेट से भारत के कारोबारियों को भारी मुनाफा होता है। हैरानी की बात यह है, डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को “डेड इकोनॉमी” कहकर भारत को अपमानित किया है। इसके बावजूद भारत में उनका ट्रम्प ब्रांड, रियल एस्टेट के क्षेत्र में मोदी से बड़ा चेहरा बना हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी “मेक इन इंडिया”, “स्टार्टअप इंडिया” जैसे अभियानों के ज़रिए भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने में लगे हैं। वहीं ट्रंप बिना निवेश किए भारत से अरबों रुपये कमा कर अमेरिका ले जा रहे हैं। इसका एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है, ट्रंप की व्यापार नीति भारत के खिलाफ है। उन्होंने टैरिफ बढ़ाकर भारतीय निर्यातकों की रीढ़ की हड्डी को कमजोर किया है। इसी बीच उनका कारोबार भारत में बढ़ता ही जा रहा है। उनके निजी कारोबार को भारत में कोई नुकसान नहीं हुआ। यह बताता है, व्यक्तिगत लाभ और अमेरिका की राष्ट्रीय नीति और भारत को लेकर ट्रंप की सोच में कितना अंतर है। इस पूरे मॉडल से एक सवाल खड़ा होता है। क्या भारत में ट्रम्प का ब्रांड इतना प्रभावी हो चुका है। वह सरकार और मोदी जी से भी बड़ा बन जाए? ट्रंप ने भारत को एक बाज़ार भर नही समझा। ट्रंप अपने नाम पर भारत से अपने निजी हित के लिए गुंडे जैसी वसूली कर रहे हैं। मोदी कार्यकाल ने उन्हें भारत का एक ब्रांड बना दिया है। जो अब भारत के हितों को भी प्रभावित कर रहा है। असली चिंता इस बात की है। कहीं हम ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश क्राउन की तरह ट्रंप ब्रांड के गुलाम तो नहीं बनने जा रहे हैं? अमे‎रिका के राष्ट्रप‎ति डोनाल्ड ट्रम्प अपने व्य‎क्तिगत ‎हितों के ‎लिए टेरिफ के ज‎रिये दु‎निया के देशों को परेशान करते हैं। ‎निजी ‎हितों को पूरा करने के ‎लिये अमे‎रिकी ‎हितों के साथ ‎खिलवाड़ करने वाले अमे‎रिका के पहले राष्ट्रप‎ति बन गए हैं। एसजे/ 7 अगस्त /2025