-नाइट ग्लासेस और ब्लू लाइट फिल्टर से मिल सकती है राहत; अमेरिका में हेडलाइट ब्राइटनेस पर कानून की तैयारी वॉशिंगटन,(ईएमएस)। अगर आपने हाल के दिनों में रात के समय गाड़ियों की हेडलाइट से आंखें चौंधिया जाने की शिकायत की है, तो आप अकेले नहीं हैं। अमेरिका से आई एक स्टडी में बताया गया है कि एलईडी हेडलाइट्स, स्ट्रीट लाइट्स, मोबाइल स्क्रीन और डिजिटल बिलबोर्ड्स की तेज रोशनी न सिर्फ आंखों पर दबाव डाल रही है, बल्कि सड़क हादसों का बड़ा कारण भी बन रही है। बकनेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एरिक कैनेडी कहते हैं, कि रात में एलईडी हेडलाइट्स से निकलने वाली चकाचौंध (ग्लेयर) कॉन्ट्रास्ट सेंसिटिविटी को घटा देती है। इससे सामने की चीजें साफ नजर नहीं आतीं और हादसे की आशंका बढ़ जाती है। एलईडी लाइट्स पुराने बल्बों के मुकाबले ज्यादा केंद्रित और तीव्र नीली रोशनी छोड़ती हैं। अमेरिका में 75 फीसद कारों में एलईडी हेडलाइट्स हैं। ऑटोमोटिव लाइटिंग एक्सपर्ट डेनियल स्टर्न के अनुसार, भले ही एलईडी सूरज जितनी तेज नहीं होतीं, पर लगातार एक्सपोजर से आंखों को नुकसान होता है। तेज रोशनी से रेटिना के न्यूरॉन्स ओवरलोड हो जाते हैं, जिससे कुछ सेकंड के लिए दिखना बंद हो सकता है। स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव स्क्रीन का ज्यादा उपयोग करने से ब्लिंक रिफ्लेक्स घटता है, जिससे आंसू ग्रंथियां कमजोर होती हैं। इससे ड्राई आइज, थकान, तनाव और मैक्युलर डिजनरेशन (दृष्टि हानि) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नीली या हरी आंखों वाले लोगों को जोखिम अधिक होता है, क्योंकि उनकी आंखों में पिगमेंट कम होता है। कैसे बचें इस रोशनी के नुकसान से? विशेषज्ञों ने कुछ उपाय सुझाए हैं जो इस तेज रोशनी से आंखों को बचा सकते हैं। इनके अनुसार नाइट ड्राइविंग ग्लासेस का उपयोग करें। ये नीली रोशनी और चकाचौंध को कम करते हैं। गंदे लेंस या विंडशील्ड ग्लेयर को बढ़ा सकते हैं, इसलिए सफाई जरूरी है। एलईडी लाइट्स की नियमित जांच और मेंटेनेंस कराएं। एडप्टिव ड्राइविंग बीम हेडलाइट्स जैसी नई तकनीक अपनाएं, जो सामने वाले को चकाचौंध नहीं करती। ड्राइविंग के दौरान सामने की लेन पर ध्यान दें, सीधी हेडलाइट्स में ना देखें। डिवाइस स्क्रीन पर ब्लू लाइट फिल्टर लगाएं और समय-समय पर पलकों को झपकाते रहें ताकि ड्राईनेस न हो। कानूनी पहल और जागरूकता की जरूरत अमेरिका में इस बढ़ती समस्या को देखते हुए हेडलाइट्स की ब्राइटनेस को नियंत्रित करने के लिए कानून प्रस्तावित किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और अन्य देशों में भी इस दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए। एलईडी लाइट्स ने जहां रोशनी और ऊर्जा की दुनिया में क्रांति ला दी है, वहीं इनकी चकाचौंध से आंखों को गंभीर नुकसान भी हो रहा है। रात में गाड़ी चलाते समय, या देर रात मोबाइल स्क्रीन देखने की आदतें हमारी दृष्टि को प्रभावित कर सकती हैं। सजग रहें, सुरक्षित रहें। हिदायत/ईएमएस 09 अगस्त 2025