09-Aug-2025
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भोपाल(ईएमएस)। पुराने शहर के हनुमानगंज थाना क्षेत्र में वाहन चोरी के आरोप में गिरफ्तार युवक युवराज मांझी की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में न्यायिक जांच पूरी हो गई है। मामले में कोर्ट ने हनुमानगंज थाना एएसआई मुश्ताक बक्श, आरक्षक संजीव भदौरिया और आरक्षक श्रीचंद यादव को युवराज की हिरासत में मौत का पूरी तरह से जिम्मेदार माना है। कोर्ट ने न्यायिक जांच में लिखा कि पुलिसकर्मियों को युवराज की शारीरिक स्थिति के बारे में जानकारी थी। इसके बाद भी पुलिस द्वारा कोर्ट में युवराज की मेडिकल स्थिति की लिखित जानकारी नहीं दी गई। पुलिस द्वारा लापरवाही यहां ऐसे देखने को मिलती है कि युवराज को जेपी अस्पताल में डॉक्टर द्वारा बताया गया था कि युवराज को इलाज की जरूरत है और उसका इलाज चल रहा है। इसके बाद भी पुलिस द्वारा उसे बिना किसी वैध कारण के इलाज नहीं करवाते हुए कोर्ट में पेश किया गया। गौरतलब है की न्यायिक जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद कोर्ट में परिवाद लगाना पड़ता है। इसके बाद ही कोर्ट आगे की कार्रवाई करता है। इस मामले में युवराज के परिजनों ने युवराज के साथ थाने में मारपीट की याचिका हाईकोर्ट में लगा रखी है। परिजनों का कहना है कि जिला न्यायालय द्वारा पेश न्यायिक जांच रिपोर्ट को हाईकोर्ट में पेश करने की बात कही है। न्यायिक जांच में सामने आया है,​ कि मृतक आरोपी युवराज को पुलिस अस्पताल से कोर्ट तक बाइक से ले गई थी। पुलिस ने युवराज को कोर्ट में जेल रिमांड पर भेजने के लिए पेश किया था। इसके बाद कोर्ट को भी पुलिस ने युवराज की स्थिति की सही जानकारी नहीं दी। कोर्ट ने युवराज को बेसुध पड़ा देख उसे जेल रिमांड पर भेजने से पहले जेपी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराने का आदेश दिया था। इसके बाद भी पुलिस द्वारा युवराज को एंबुलेंस नहीं ले जाते हुए सवारी ऑटो से लेकर गई थी। जुनेद / 9 अगस्त