- भारतीय कंपनियों के जून तिमाही के नतीजे भी बाजार को प्रभावित करेंगे मुंबई (ईएमएस)। भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह कई महत्वपूर्ण घटनाएं हो सकती हैं जो बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ़ लगाने की घोषणा के बाद भारतीय बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। यह कदम भारतीय जीडीपी वृद्धि को एक फीसदी तक घटा सकता है, जिससे निवेशकों में चिंता है। हालांकि, व्यापार वार्ता में संभावित सुधार से स्थिति में कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन घरेलू बाजार इस पर नज़र बनाए रखेगा। इसके अलावा भारतीय और अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े भी बाजार में हलचल पैदा कर सकते हैं। 12 अगस्त को भारत और अमेरिका दोनों देशों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़े जारी होंगे। भारत का सीपीआई 1.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि अमेरिका का सीपीआई 2.8 फीसदी तक बढ़ सकता है। मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की संभावना को कम कर सकती है, जिससे विदेशी पूंजी प्रवाह प्रभावित हो सकता है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते से भारत को भी असर हो सकता है। यदि यह समझौता होता है, तो विदेशी निवेश चीन की ओर रुख कर सकता है, जिससे भारतीय बाजार में गिरावट आ सकती है। वहीं भारतीय कंपनियों के जून तिमाही के नतीजे भी बाजार को प्रभावित करेंगे। प्रमुख कंपनियों जैसे बजाज कंज्यूमर, अशोक लीलैंड और ओएनजीसी के परिणामों पर निवेशकों की नज़र रहेगी। इस हफ्ते के बाजार रुझान में वैश्विक और घरेलू संकेतकों का मिश्रित असर देखने को मिलेगा, जिससे भारतीय निवेशकों को सतर्क रहना होगा। सतीश मोरे/10अगस्त ---