व्यापार
10-Aug-2025


विदेशी निवेशकों ने 8 दिन में बाजार से निकाले 18,000 करोड़ मुंबई(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टेरिफ लगाने की घोषणा की तभी से भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों का मोहभंग होने लगा है। फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (विदेशी निवेशकों)ने अगस्त 2025 में भारतीय शेयर बाजार से अब तक करीब 18,000 करोड़ रुपए निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने इंडियन शेयर मार्केट से अब तक टोटल 1.13 लाख करोड़ रुपए की निकासी की है। आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने (8 अगस्त तक) फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने 17,924 करोड़ रुपए के शेयर्स बेचे हैं। जुलाई में विदेशी निवेशकों ने नेट बेसिस पर 17,741 करोड़ रुपए निकाले थे। इससे पहले मार्च से जून तक यानी तीन महीनों में फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने 38,673 करोड़ रुपए का निवेश किया था। लेकिन हालिया व्यापारिक तनाव और कमजोर कॉरपोरेट नतीजों ने बाजार का माहौल बदल दिया। वहीं बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स नेट बायर्स बने रहे। एनएसई के डेटा के अनुसार, 8 अगस्त को फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने 1,932.81 करोड़ रुपए और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 7,723.66 करोड़ रुपए के शेयर्स खरीदे हैं। ट्रेडिंग सेशन के दौरान, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 16,682.09 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और 8,958.43 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। वहीं विदेशी निवेशकों ने 17,682.11 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और 15,749.30 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। अगस्त में निकासी की वजह अगस्त में फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स की निकासी की मुख्य वजहें हैं- भारत-अमेरिका के बीच बढ़ता व्यापारिक तनाव, कॉरपोरेट कंपनियों के पहले तिमाही के निराशाजनक नतीजे और भारतीय रुपए में कमजोरी। जानकारों के अनुसार, आने वाले समय में फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स का रुख नाजुक और जोखिम से बचने वाला रहेगा। उन्होंने कहा कि व्यापारिक नीतियां और टैरिफ जैसे मुद्दे अगले सप्ताह निवेशकों के लिए अहम होंगे। अमेरिका के 1 अगस्त से भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने और इस सप्ताह इसे और 25 प्रतिशत बढ़ाने से बाजार में घबराहट फैली। इसने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स को भारतीय शेयरों में बड़े पैमाने पर बिकवाली के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में ग्रोथ वृद्धि ने भी विदेशी निवेशकों को ट्रेजरी की ओर आकर्षित किया, जिससे भारतीय बाजार से पूंजी निकासी बढ़ी। फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स का लोन मार्केट में निवेश हालांकि, शेयर बाजार से निकासी के बावजूद फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने लोन मार्केट में निवेश जारी रखा। अगस्त में उन्होंने डेट जनरल लिमिट में 3,432 करोड़ रुपए और डेट वॉलंटरी रिटेंशन रूट में 58 करोड़ रुपए का निवेश किया। एनालिस्टों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भारत-अमेरिका व्यापार नीतियों पर बातचीत के बीच फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स का रुख सतर्क रहेगा। भारतीय शेयर बाजार के लिए आने वाले सप्ताह चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि निवेशक ग्लोबल और लोकल कारणों पर बारीकी से नजर रखेंगे। विनोद उपाध्याय / 10 अगस्त, 2025