वाशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात में यूक्रेन को नहीं बुलाया गया है, जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है। लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि व्हाइट हाउस यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्कीको भी इस बड़ी मुलाकात में बुलाने पर विचार कर रहा है। व्हाइट हाउस अधिकारी ने बताया कि इसे लेकर चर्चा जोरों पर है। हालांकि जेलेंस्की का अलास्का जाना अभी पक्का नहीं है, लेकिन अधिकारी ने इसे बिल्कुल मुमकिन बताया और कहा कि हर कोई चाहता है ऐसा हो। आठ अगस्त को ट्रंप ने एक बयान में कहा था कि वह पुतिन से मिलने वाले हैं। इस दौरान उन्होंने कहा था कि यूक्रेन को भी कई चीजों के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने जमीन की अदला-बदली का प्रस्ताव भी दिया है। हालांकि यूक्रेन किसी भी तरह से तैयार नहीं है। शनिवार सुबह एक वीडियो संदेश में जेलेंस्की ने गुस्से में कहा, ‘यूक्रेन का संविधान हमारी जमीन की रक्षा करता है। एक इंच भी जमीन रूस को नहीं देंगे।’ इस मीटिंग को लेकर सबसे हैरानी वाली बात है कि यूक्रेन के भविष्य का फैसला लिया जाना है और इसमें यूक्रेन को ही नहीं बुलाया गया है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच 15 अगस्त को मीटिंग होने वाली है। यह मीटिंग अलास्का में होने वाली है। इस मीटिंग में रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म होने पर बात होगी। अमेरिका इस मीटिंग में यूक्रेन को भी शामिल करने पर विचार कर रहा है। हालांकि मुलाकात से पहले ही एक कथित शांति योजना को लेकर बवाल मच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लान में यूक्रेन के कुछ इलाकों को रूस को सौंपने के बदले युद्ध को खत्म किया जाएगा। रूस चाहता है कि यूक्रेन अपनी दो बड़ी जमीनें डोनेट्स्क और लुहांस्क खाली कर दे। बदले में रूस खारकीव और सूमी जैसे छोटे इलाकों से अपनी सेना हटाएगा। पुतिन ने ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को इसके बारे में बताया था। इस प्रस्ताव को यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सिरे से ठुकरा दिया है। रूस ने कहा कि वह जापोरिझिया और खेरसॉन में मौजूदा लड़ाई की लाइन पर रुक जाएगा, जहां वह पहले से 70 प्रतिशत से ज्यादा इलाके पर कब्जा किए हुए है। लेकिन यूक्रेन के एक बड़े अधिकारी ने गुस्से में कहा, ‘हमारी सेना को अपनी जमीन छोड़ने का आदेश कौन देगा?’ उसने यह भी खुलासा किया कि रूस पूरी दुनिया को बताना चाह रहा है कि यूक्रेन ‘ट्रंप के शानदार प्लान’ को रिजेक्ट कर रहा है। ऐसा करके रूस दुनिया को गुमराह कर रहा है, जबकि जमीन के बदले शांति पूरी तरह रूस का दांव है। एक अधिकारी ने कहा कि इतनी जल्दी पुतिन से बातचीत की घोषणा करना इस बात का संकेत है कि अमेरिका ने रूस के इस प्लान को मान लिया है। वीरेंद्र/ईएमएस 11 अगस्त 2025