अंतर्राष्ट्रीय
11-Aug-2025
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-ट्रंप चाहते हैं भारत खरीदें एफ-35 स्टेल्थ फाइटर, वायुसेना कर रही इनकार टोक्यो,(ईएमएस)। अमेरिका का फाइटर जेट विमान एफ-35 फिर एक बार तकनीकी खामी के कारण सुर्खियों में है। ताजा मामला जापान का है जहां ब्रिटेन के स्वामित्व वाले एक अमेरिकी एफ-35बी स्टेल्थ फाइटर ने रविवार को इमरजेंसी लैंडिंग की। जापान के कागोशिमा प्रांत के एक हवाई अड्डे पर विमान में अचानक आई तकनीकी खराबी के कारण उतारना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह विमान ट्रेनिंग मिशन पर था और ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ तैनात था। इस घटना ने एक बार फिर एफ-35 की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये पहला मौका नहीं है। करीब दो महीने पहले एक ब्रिटिश एफ-35बी को ‘टेक्निकल स्नैग’ के कारण केरल के कोचीन एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी। वह विमान कई हफ्तों तक वहीं कोचीन एयरपोर्ट पर ही खड़ा रहा, क्योंकि उसके स्पेयर पार्ट्स और तकनीकी टीम को लाने में लंबा समय लग गया। तब भी अंतरराष्ट्रीय मीडिया में एफ-35 की तकनीकी जटिलताओं और रखरखाव पर भारी लागत की चर्चा हुई थी। बता दें अमेरिका लंबे समय से चाहता है कि भारत एफ-35 स्टेल्थ फाइटर खरीदे, लेकिन भारतीय वायुसेना इसके पक्ष में नहीं है। इसके पीछे वजहें साफ हैं कि इस विमान की अत्यधिक रखरखाव लागत, बार-बार तकनीकी खराबी और लॉजिस्टिक सपोर्ट में देरी। भारत पहले ही सुखोई, राफेल और स्वदेशी तेजस को लेकर काम कर रहा है और उसकी प्राथमिकता स्वदेशी एएमसीए प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना है। ऐसे में एक ऐसा प्लेटफॉर्म खरीदना, जो लगातार तकनीकी खामियों की वजह से चर्चा में हो न तो रणनीतिक रूप से फायदेमंद है और न ही आर्थिक रूप से। ट्रंप और बाइडेन की टीम ने भारत को कई बार इस विमान को बेचने का ऑफर दिया, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। जापान और केरल की घटनाओं से पता चलता है कि यह विमान भले ही कागज पर स्टेल्थ डिजाइन, हाई-टेक एवियोनिक्स और मल्टी-रोल क्षमता के साथ शानदार हो लेकिन जमीनी हकीकत में इसकी विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है, तो ट्रंप अगर आपका ‘स्टार प्लेन’ बार-बार रनवे पर खड़ा रह जाए, तो भारत उसे रनवे पर उतारने से पहले ही डील को ‘नो डील’ में बदल देगा। सिराज/ईएमएस 11अगस्त25