तीन हजार किमी ऊपर तक उठा राख का गुबार, लोगों को सतर्क रहने की सलाह टोक्यो,(ईएमएस)। जापान के किरिशिमा पर्वत श्रृंखला पर स्थित शिनमोएडके ज्वालामुखी में रविवार सुबह विस्फोट हो गया। इस विस्फोट से तीन हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई तक राख का गुबार उठा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले जापान के पड़ोस में मौजूद रूस के कुरिल द्वीप पर भूकंप के झटके लगे। कागोशिमा और मियाजाकी प्रांतों की सीमा पर स्थित यह ज्वालामुखी 27 जून से रुक-रुक कर फट रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को हुए विस्फोट से निकली राख उत्तर-पूर्व की ओर बह रही है और यह मियाजाकी प्रांत के तकानाबे तक पहुंच सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने चेतावनी दी है कि मियाजाकी प्रांत के कोबायाशी और ताकाहारू और कागोशिमा प्रांत के किरिशिमा में मध्यम स्तर की राख गिरने की संभावना है। छोटी ज्वालामुखी चट्टानें क्रेटर के उत्तर-पूर्व में करीब 14 किलोमीटर की दूरी तक गिर सकती हैं एजेंसी ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ज्वालामुखी के क्रेटर से तीन किलोमीटर के दायरे में बड़े ज्वालामुखी चट्टानों और दो किलोमीटर के दायरे में गर्म राख के प्रवाह से सावधान रहने को कहा है। 22 जून को यह ज्वालामुखी 2018 के बाद पहली बार फटा था। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक विस्फोट के बाद राख का गुबार 500 मीटर से ज्यादा ऊंचाई तक पहुंच गया। रिपोर्टों के मुताबिक धुआं मियाजाकी प्रान्त की ओर पूर्व दिशा में बह गया था और उस समय जापान की राष्ट्रीय प्रसारण एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक कोई ज्वालामुखी चट्टानें गिरने की पुष्टि नहीं हुई थी। ज्वालामुखी चेतावनी स्तर 2, जो क्रेटर के पास प्रवेश को प्रतिबंधित करता था, उस क्षेत्र में कुछ समय तक लागू रहा। अधिकारियों ने क्रेटर के 2 किलोमीटर के दायरे में सावधानी बरतने की सलाह दी, क्योंकि करीब एक किलोमीटर के दायरे में बड़े ज्वालामुखी चट्टानों और पायरोक्लास्टिक प्रवाह का खतरा था। निवासियों को सतर्क रहने को कहा गया है, विशेष रूप से हवा की विपरीत दिशा में, जहां राख और छोटे पत्थर लंबी दूरी तक विस्फोट के साथ जा सकते हैं। देश की मौसम एजेंसी ने बताया कि पिछले वर्ष, दक्षिण-पश्चिमी जापान के कागोशिमा प्रान्त में सकुराजिमा नामक ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था, जिसके कारण शिखर से 3,400 मीटर ऊपर तक धुआं उठ रहा था। सिराज/ईएमएस 11अगस्त25