अंतर्राष्ट्रीय
13-Aug-2025
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बीजिंग (ईएमएस)। चीन अपनी महत्वाकांक्षी शिनजियांग-तिब्बत रेल परियोजना को 2025 में शुरू करने की तैयारी में है। यह परियोजना भारत के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि इसका एक हिस्सा पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अक्साई चिन से होकर गुजरेगा। यह परियोजना चीन की 2035 तक तिब्बत में 5,000 किलोमीटर का रेल ढांचा स्थापित करने की योजना का हिस्सा है। अक्साई चिन, जिसे भारत अपना अभिन्न अंग मानता है, रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहाँ से चीन का जी-219 राजमार्ग भी गुजरता है। इस रेल लिंक से चीन को सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों और उपकरणों की तेज़ी से आवाजाही करने में मदद मिलेगी। इससे भारत के लिए सुरक्षा चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं। यह परियोजना उस समय में शुरू हो रही है जब 2020 के पूर्वी लद्दाख में हुए सैन्य विवाद का समाधान हाल ही में हुआ है। इस कदम से दोनों देशों के बीच फिर से तनाव बढ़ सकता है। चीन सिर्फ रेल परियोजना तक ही सीमित नहीं है। वह भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विशाल बांध परियोजना का निर्माण भी कर रहा है। इससे भारत के लिए बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो सकता है। भारत ने चीन के इन निर्माण कार्यों पर कड़ा विरोध जताया है और वैश्विक पर्यावरण तथा क्षेत्र की प्राकृतिक पारिस्थितिकी को होने वाले नुकसान की चेतावनी दी है। भारत का मानना है कि इस क्षेत्र में रेलवे लाइन का निर्माण चीन की सेना को एलएसी के करीब सैनिक और हथियार तेजी से पहुंचाने में मदद करेगा। रिटायर्ड जनरल जे.जे. सिंह ने 2023 में लिखा था, कि चीन अपने इस रणनीतिक धमनियों जैसे रास्तों के प्रति बेहद संवेदनशील है और यही वजह है कि भारत को यह प्रोजेक्ट चिंताजनक लगता है। इसीलिए आने वाले वक्त में जैसे जैसे इस प्रोजेक्ट को लेकर काम आगे बढ़ेगा, भारत के लिए सुरक्षा चिंताएं बढ़ती जाएंगी। आशीष/ईएमएस 13 अगस्त 2025