अंतर्राष्ट्रीय
13-Aug-2025
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जजों के पैनल के चेयरमैन ने कहा- सरकार ने एक वकील किया है नियुक्त ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना इस वक्‍त भारत में हैं, लेकिन उनके खिलाफ ढाका में मुकदमा चल रहा है। वहां कोर्ट ने शेख हसीना की दलीलें रखने के लिए सीनियर एडवोकेट तक रखने की इजाजत नहीं दी। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या शेख हसीना पर चल रहे मुकदमे में न्‍याय हो पाएगा या नहीं। सीनियर एडवोकेट जीआई खान ने शेख हसीना का बचाव करने की इच्छा जताई थी, लेकिन उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के तीन जजों वाले पैनल के चेयरमैन एम गुलाम मोर्तुजा मोजुमदर ने कहा कि सरकार ने शेख हसीना के लिए एक वकील नियुक्त किया है। इस मामले में अब कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायाधिकरण के अधिकार क्षेत्र में है कि वह किसे बचाव पक्ष का वकील नियुक्त करे। उन्होंने एक वरिष्ठ वकील की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अब जब गाड़ी चल पड़ी है, तो अब स्टेशन मास्टर से पूछना कि बोर्डिंग का इंतजाम करें, उचित नहीं। बता दें शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल के खिलाफ उनकी गैर-मौजूदगी में मुकदमा चल रहा है। कोर्ट ने उन्हें बचाव के लिए एक वकील अमीर हुसैन नियुक्त किया है। मुकदमे में तीसरा आरोपी, पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-ममुन, ‘अपरोवर’ बन गया है और वह सह-अभियुक्तों के खिलाफ गवाही दे रहा है। जबिक याचका दाखिल करने वाले जीआई खान पन्‍ना सीनियर एडवोकेट हैं, जिन्हें 1971 के बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम के बारे में जानकारी है। वे बांग्लादेश बार काउंसिल के कानूनी सहायता समिति के अध्यक्ष भी हैं, वे खुले तौर पर पूर्व आवामी लीग सरकार की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वे शेख हसीना का बचाव करना चाहते हैं। पन्ना वर्तमान में यूनुस सरकार की आलोचना करते हैं और आरोप लगाते हैं कि वे 1971 की आजादी के विरोधी शक्तियों का संरक्षण कर रहे हैं। कार्यवाही को देख रहे ब्रिटिश पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता डेविड बर्गमैन ने कोर्ट की कार्यवाही पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों के लिए एक ही वकील नियुक्त करना उचित नहीं है क्योंकि उनके मामले अलग-अलग हैं, जिससे उनके लिए उचित बचाव संभव नहीं हो पाता। इसके अलावा बचाव पक्ष को मुकदमे की तैयारी के लिए बेहद कम समय मिला है। इस मुकदमे में शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने जुलाई 2024 में हुए छात्रों के विरोध आंदोलन के दौरान हिंसक कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस दौरान करीब 1,400 लोग मारे गए थे। शेख हसीना ने अगस्त 2024 में पद से इस्तीफा दिया और तब से भारत में रह रही हैं। सिराज/ईएमएस 13अगस्त25 ---------------------------------