नई दिल्ली,(ईएमएस)। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत चार नए सेमीकंडक्टर निर्माण प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल गई है। कुल 4,600 करोड़ के निवेश से बनने वाले ये प्लांट 2034 पेशेवरों को प्रत्यक्ष रोजगार और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में हजारों अप्रत्यक्ष नौकरियां देंगे। ओडिशा के भुवनेश्वर में सिस्कसेम प्राइवेट लिमिटेड, ब्रिटेन की केल्स-सिक वॉटर फेब लिमिटेड के साथ मिलकर सिलिकॉन कार्बाइड आधारित कंपाउंड सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करेगा, जिसकी सालाना क्षमता 60 हजार वेफर्स और 96 मिलियन यूनिट्स पैकेजिंग की होगी। इसका इस्तेमाल रक्षा, ईवी, रेलवे, डाटा सेंटर, चार्जर्स, कंज्यूमर एप्लायंसेज और सोलर इनवर्टर में होगा। इसी शहर में 3डी ग्लास सल्यूशन इन. वर्टिकली इंटीग्रेटेड एडवांस्ड पैकेजिंग यूनिट लगाएगा, जो सालाना 69,600 ग्लास पैनल सब्सट्रेट्स, 50 मिलियन असेम्बल यूनिट्स और 13,200 3डीएचआई मॉड्यूल्स का उत्पादन करेगी, जिनका उपयोग रक्षा, एआई, ऑटोमोबाइल और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग में होगा। आंध्र प्रदेश में एएसआईपी टेक्नालॉजिस्ट, दक्षिण कोरिया की एपीएसीटी कंपनी लि के साथ साझेदारी में 96 मिलियन यूनिट्स सालाना क्षमता वाला यूनिट लगाएगा, जिसका उत्पादन मोबाइल फोन, सेट-टॉप बॉक्स, ऑटोमोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में होगा। पंजाब के मोहाली में कॉन्टिनेंटस डिवॉइस इंडिया लिमिटेड (सीडीआईएल) अपनी मौजूदा फैक्ट्री को अपग्रेड कर सालाना 158.38 मिलियन यूनिट्स एमओएसएफईटी, आईजीबीटी, स्कॉटी डिओडेस और ट्रांजिस्टर का उत्पादन करेगी, जिनका उपयोग ईवी, रिन्यूएबल एनर्जी, इंडस्ट्रियल एप्लिकेशन और कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा। सरकार ने अब तक आईएसएम के तहत छह राज्यों में 10 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जिनमें 1.60 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश शामिल है। 278 शैक्षणिक संस्थानों और 72 स्टार्टअप्स को डिज़ाइन इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराए गए हैं और 60 हजार से ज्यादा छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है, जिससे भारत सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सिराज/ईएमएस 13अगस्त25 ---------------------------------