राष्ट्रीय
23-Aug-2025
...


नई दिल्ली(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर दिए गए आदेश के बाद कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की बड़ी जीत बताया है। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए मतदाता अब आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड समेत अन्य मान्य दस्तावेज़ों के आधार पर दोबारा सूची में जुड़ सकते हैं। कांग्रेस ने इस फैसले को लेकर चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला। पार्टी ने आरोप लगाया कि आयोग ने करोड़ों मतदाताओं को वोटिंग अधिकार से वंचित करने की कोशिश की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे विफल कर दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, लोकतंत्र ने चुनाव आयोग के निर्मम हमले को झेलकर खुद को बचा लिया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने पुनरीक्षण प्रक्रिया को अधिक समावेशी बनाने के लिए गार्डरेल खड़े कर दिए हैं। चुनाव आयोग पूरी तरह उजागर और बदनाम हो गया है, उसके षड्यंत्रकर्ताओं को निर्णायक झटका मिला है। पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने फैसले को कांग्रेस की लड़ाई की शुरुआती और बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला राहुल गांधी द्वारा उठाई गई मांगों और कांग्रेस के निरंतर आंदोलन का परिणाम है। वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अदालत ने मध्यवर्ती आदेश में आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड को वैध पहचान दस्तावेज़ माना है। यह कदम मतदाताओं के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है। तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने फैसले को लोकतंत्र के लिए महान् जीत बताते हुए कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में छेड़े गए अभियान ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया। वहीं, बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’और चक्का जाम आंदोलन की सफलता का प्रमाण है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि पुनरीक्षण प्रक्रिया में हटाए गए 65 लाख से अधिक नामों की सूची, हटाने के कारण सहित, सार्वजनिक की जाए। अदालत ने यह भी कहा कि प्रक्रिया को वोटर-फ्रेंडली बनाया जाए और राजनीतिक दलों की निष्क्रियता पर आश्चर्य जताया। कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लेकर दोहराया कि उसका संघर्ष सिर्फ पार्टी के लिए नहीं बल्कि हर उस नागरिक के लिए है जो लोकतंत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहता है। वीरेंद्र/ईएमएस/23अगस्त2025