राष्ट्रीय
23-Aug-2025


देहरादून,(ईएमएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोर्ट में वकीलों के आधिकारिक ‘ड्रेस कोड’ में टोपी को शामिल करने संबंधी एक याचिका पर सुनवाई की। अधिवक्ता विनोद नौटियाल ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका में नौटियाल ने 2001 की एक घटना का जिक्र किया जब किसी मामले में वरिष्ठ मंत्री नारायण रामदास को उत्तराखंड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश होना था और द्वार पर मौजूद पुलिस ने उनसे अपनी सफेद गांधी टोपी उतारने को कहा क्योंकि कोर्ट कक्ष में बिना टोपी के प्रवेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर उस समय विवाद भी हुआ था। याचिका में यह भी कहा गया है किसी को टोपी उतारने के लिए मजबूर करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। नौटियाल ने कोर्ट कक्ष के अंदर काली या किसी भी रंग की टोपी पहनने की अनुमति मांगी है और ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ को अपने नियमों में संशोधन कर टोपी को अधिवक्ताओं की आधिकारिक पोशाक का हिस्सा बनाए जाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में, बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है और शोक या उत्सव के अवसर पर विशेष टोपी पहनने का भी रिवाज है। नौटियाल ने यह भी कहा कि सिख समुदाय के सदस्यों को अदालत में पगड़ी पहनने की अनुमति है। सिराज/ईएमएस 23अगस्त25 ---------------------------------