चुनावी माहौल शुरू होने से पहले ही बिहार में बहार आ गई है। पिछले कुछ महीनों से बिहार के लिए केंद्र सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। इसी क्रम में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर बिहार पहुंचे , जहां उन्होंने 12,992 करोड़ रुपये की लागत वाली कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसमें गंगा पर बना 6 लेन वाला पुल भी शामिल है। इसके अलावा वैशाली से कोडरमा के बीच का बुद्ध सर्किट ट्रेन की शुरुआत भी हुई। प्रधानमंत्री के निशाने पर बिपक्ष रहा, वहीं डेमोग्राफी मिशन को लेकर भी अपना इरादा स्पष्ट किया। बिहार चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा महत्वपूर्ण है। वोध गया से बेगूसराय तक विकास की सौगात देकर मगध से मुंगेर तक साधने की कोशिश की। बिहार में बीजेपी का सबसे कमजोर गढ़ मगध का क्षेत्र माना जाता है, जिस पर अपनी मजबूत पकड़ को बनाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है। इस इलाके में भाजपा सियासी जुड़े जमाने के लिए जीतन राम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा और चिराग पासबान से हाथ मिलाकर रखा है। नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल में महागठबंधन का ही पलड़ा भारी था। इस क्षेत्र की 20 सीट पर महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी, जबकि 6 सीट पर ही राजग को ही कामयावी मिली थी। मगध और मुंगेर प्रमंडल में महागठबंधन कि दबदबा रहा है। इसे तोड़ने प्रधानमंत्री का दौरा कितना कारगर होगा, यह तो वक्त ही बताएगा। प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का लोकार्पण या शिलान्यास हुआ है। इनमें ऊर्जा, स्वास्थ्य और शहरी विकास के जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट्स हैं। इनसे बिहार के उद्योगों को ताकत मिलेगी, और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आज यहां अस्पताल और रिसर्च सेंटर का उद्घाटन भी हुआ है। अब बिहार के लोगों को कैंसर के इलाज के लिए एक और सुविधा मिल गई है। गरीब के जीवन से मुश्किलें दूर करना, महिलाओं के जीवन को आसान बनाना सरकार का लक्ष्य है। जनता-जनार्दन का सेवक बनकर यही काम करने में सबसे ज्यादा खुशहाली होती है। सरकार की प्रतिवद्वता दुहराते हुए कहा कि—मेरा एक बड़ा संकल्प है। जब तक हर जरूरतमंद को पक्का घर नहीं मिल जाता, मोदी चैन से नहीं बैठेगा। इसी सोच के साथ पिछले 11 साल में 4 करोड़ से अधिक गरीबों को पक्के घर बनाकर दे दिए गए हैं। अकेले हमारे बिहार में 38 लाख से अधिक आवास बनाए गए। गया जिले में भी 2 लाख से अधिक परिवारों को अपना पक्का घर मिला है। और हमने सिर्फ घर यानी 4 दीवारें नहीं दी, बल्कि इन घरों के साथ गरीब को उसका स्वाभिमान दिया है। इन घरों में बिजली, पानी, शौचालय और गैस कनेक्शन की सुविधाएं दी हैं। यानी, गरीब परिवारों को भी सुविधा, सुरक्षा और सम्मान से जीने की गारंटी मिली है। उन्होंने कहा कि आज इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए, बिहार के मगध क्षेत्र के 16 हजार से ज्यादा परिवारों को अपना पक्का घर दिया है। यानि इस बार इन परिवारों में दीवाली और छठ पूजा की रौनक और ज्यादा होगी। उन्होंने अपना घर पाने वाले सभी लाभार्थी परिवारों को बहुत-बहुत बधाई दी और कह कि जो लोग अब भी पीएम आवास योजना के लाभ से छूट गए हैं, मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं, कि पीएम आवास का अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक हर गरीब को अपना पक्का घर नहीं मिल जाता। बिहार चन्द्रगुप्त मौर्य और चाणक्य की धरती है। जब-जब किसी दुश्मन ने भारत को चुनौती दी है, बिहार देश की ढाल बनकर खड़ा हुआ है। बिहार की धरती पर लिया हुआ हर संकल्प, ये धरती की ताकत है, इस धरती पर लिया गया हर संकल्प कभी खाली नहीं जाता। उन्होंने कहा कि बिहार का तेज विकास केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार की बहुत बड़ी प्राथमिकता है। इसलिए आज बिहार चौतरफा विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। पिपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में पुरानी समस्याओं के समाधान तलाशे गए हैं, और नई प्रगति के रास्ते भी बनाए गए हैं। आप याद करिए, लालटेन राज में यहाँ कैसी दुर्दशा थी। लालटेन राज में ये क्षेत्र लाल आतंक से जकड़ा हुआ था। माओवादियों की वजह से शाम के बाद कहीं आना-जाना मुश्किल था। गयाजी जैसे शहर लालटेन राज में अंधेरे में डूबे रहते थे। हजारों गाँव ऐसे थे, जहां बिजली के खंबे तक नहीं पहुंचे थे। लालटेन वालों ने पूरे बिहार के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया था। न शिक्षा थी, न रोजगार था, बिहार की कितनी पीढ़ियों को इन लोगों ने बिहार से पलायन के लिए मजबूर कर दिया था। बिहार के लोगों को आरजेडी और उसके साथी सिर्फ अपना वोटबैंक मानते हैं, उन्हें गरीब के सुख-दुख, गरीब के मान-सम्मान से कोई मतलब नहीं है। आपको याद होगा, कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री ने मंच से कह दिया था कि अपने राज्य में बिहार के लोगों को घुसने नहीं देंगे। बिहार के लोगों से कांग्रेस की इतनी नफरत, बिहार के लोगों के प्रति इतनी घृणा, और कोई भूल नहीं सकता। कांग्रेस का बिहार के लोगों के प्रति जो दुर्व्यवहार देखने के बाद भी यहां आरजेडी वाले गहरी नींद में सोये पड़े थे। बिहार की राजग सरकार, कांग्रेस और इंडी गठबंधन वालों के इस नफरती अभियान का जवाब दे रही है। बिहार के बेटे-बेटी को यहीं पर रोजगार मिले, सम्मान की जिंदगी मिले, मां-बाप की वो देखभाल कर सके, इसी सोच के साथ हम काम कर रहे हैं। अब बिहार में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स बन रहे हैं। गयाजी जिले के डोभी में बिहार का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया तैयार हो रहा है। गयाजी में एक टेक्नोलॉजी सेंटर की स्थापना भी की जा रही है। आज ही यहां बक्सर थर्मल पावर प्लांट का शुभारंभ भी हुआ है। कुछ ही महीने पहले मैंने औरंगाबाद में भी नवीनगर सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। भागलपुर के पीरपैंती में भी नया थर्मल पावर प्लांट बनेगा। इस पावर प्लांट्स से बिहार में बिजली की आपूर्ति बढ़ेगी। और आप सब जानते हैं, जब बिजली उत्पादन बढ़ता है तो क्या होता है? घरों में बिजली की सप्लाई बढ़ती है, और उद्योगों को भी ज्यादा से ज्यादा बिजली मिलती है। और इससे भी रोजगार के नए मौके बनते हैं। बिहार के युवाओं को पक्की सरकारी नौकरी देने के लिए नीतीश जी ने बड़ा अभियान चलाया हुआ है। ये नीतीश जी हैं, तभी यहां शिक्षकों की भर्ती भी पूरी पारदर्शिता से हुई। यहां के नौजवानों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में बिहार में ही रोजगार मिले, उन्हें नौकरी के लिए पलायन न करना पड़े, इसमें केंद्र सरकार की एक नई योजना से भी बहुत बड़ी मदद मिलने वाली है। अभी पिछले सप्ताह, इस 15 अगस्त से ही देशभर में प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लागू हुई है। इसके तहत, हमारे युवा जब निजी क्षेत्र में पहली नौकरी करेंगे, तो केंद्र सरकार उन्हें अपने पास से 15,000 रुपये देगी। जो प्राइवेट कंपनियां युवाओं को रोजगार देंगी, उन्हें भी अलग से पैसे सरकार देगी। इस योजना का बहुत बड़ा लाभ बिहार के मेरे युवाओं को भी होगा।विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में कांग्रेस हो, आरजेडी हो, इनकी सरकारों ने कभी जनता के पैसे का मोल नहीं समझा। इनके लिए जनता के पैसे का मतलब रहा है- खुद की तिजोरी भरना। इसलिए कांग्रेस-आरजेडी की सरकारों में सालों साल तक परियोजनाएं पूरी नहीं होती थीं। कोई योजना जितनी लटकती थी, उतना उसमें ये पैसे कमा लेते थे। अब इस गलत सोच को भी एनडीए सरकार ने बदल दिया है। अब शिलान्यास के बाद कोशिश होती है, जल्द से जल्द, समय सीमा में उस काम को पूरा करने के लिए सफल प्रयास किया जाए। आज का ये कार्यक्रम इसका भी एक शानदार उदाहरण है। औंटा–सिमरिया सेक्शन का शिलान्यास करने का सौभाग्य बिहार के लोगों ने मुझे दिया था। और आप लोगों की कृपा देखिए, आप लोगों का प्रेम देखिए कि जिस ब्रिज का शिलान्यास आपने मुझे करने के लिए कहा, आज उसका लोकार्पण करने का अवसर भी आपने मुझे दिया है। ये पुल सिर्फ सड़कों को नहीं, पूरे उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने का काम करेगा। जो भारी वाहन पहले गांधी सेतु से होकर 150 किलोमीटर का लंबा चक्कर काटते थे, अब सीधा रास्ता पाएंगे। इससे व्यापार तेज़ होगा, उद्योगों को ताक़त मिलेगी, और तीर्थयात्रियों का भी पहुंचना आसान होगा। विकास के जिन प्रोजेक्ट्स की नींव एनडीए सरकार में रखी जाती है, वो पूरा होकर रहेंगे, ये बात पक्की है। एनडीए की डबल इंजन सरकार यहां रेलवे के विकास के लिए भी तेजी से काम कर रही है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत गयाजी रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाया जा रहा है। इससे गयाजी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेगी। आज गया वो शहर है जहां राजधानी, जनशताब्दी और मेड इन इंडिया वंदे भारत ट्रेनों की सुविधा उपलब्ध है। गयाजी, सासाराम, प्रयागराज, कानपुर होते हुए दिल्ली तक सीधा कनेक्शन, बिहार के युवाओं को, यहां के किसानों को, यहां के व्यापारियों के लिए नई संभावनाएं बना रहा है। उन्होंने कहा कि देश के अटूट भरोसे के कारण, साल 2014 में प्रधानमंत्री के तौर पर शुरू हुआ मेरा सेवाकाल, ये सेवाकाल निरंतर जारी है। इतने वर्षों में हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा। जबकि आज़ादी के बाद कांग्रेस की सरकारें, जो 60-65 साल तक सरकार में रही हैं, उनके भ्रष्टाचार की लंबी लिस्ट है। आरजेडी का भ्रष्टाचार तो बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है। मेरा साफ मानना है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को अगर अंजाम तक पहुंचाना है, तो कोई भी कार्रवाई के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए। आप सोचिए, आज कानून है कि अगर किसी छोटे सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे तक हिरासत में रख दिया, तो अपने आप वो सस्पेंड हो जाता है, ड्राइवर हो, छोटा क्लर्क हो, चपरासी हो, उसकी जिंदगी हमेशा-हमेशा के लिए तबाह हो जाती है। लेकिन अगर कोई मुख्यमंत्री है, कोई मंत्री है, कोई प्रधानमंत्री है, तो वो जेल में रहकर के भी सत्ता का सुख पा सकता है। ये कैसे हो सकता है? हमने कुछ समय पहले ही देखा है कि कैसे जेल से ही फाइलों पर साइन किए जा रहे थे, जेल से ही सरकारी आदेश निकाले जा रहे थे। नेताओं का अगर यही रवैया रहेगा, तो ऐसे भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई कैसे लड़ी जा सकती है? उन्होंने कहा कि संविधान हर जनप्रतिनिधि से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद करता है। हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते। इसलिए एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी है। इस कानून में मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। जब ये कानून बन जाएगा, तो प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री, या फिर कोई भी मंत्री, उसे गिरफ़्तारी के 30 दिनों के अंदर जमानत लेनी होगी। और अगर जमानत नहीं मिली, तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी होगी। आप कहिए भाइयों, जो जेल जाएं उसे कुर्सी छोड़नी चाहिए कि नहीं छोड़नी चाहिए? क्या वो कुर्सी पर बैठे रह सकता है क्या? क्या वो सरकारी फाइलों पर साइन कर सकता है क्या? क्या जेल में से कोई सरकार चला सकता है क्या? और इसलिए ऐसा सख्त कानून बनाने की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये राजद वाले, ये कांग्रेस वाले, ये लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। ये बहुत गुस्से में हैं, और कौन नहीं जानता कि उनको किस बात का डर है? जिसने पाप किया होता है, वो अपने पाप को दूसरों से छुपाता है, लेकिन खुद तो भीतर से जानता है कि क्या खेल खेला है। इन सबका भी यही हिसाब है। ये आरजेडी और कांग्रेस वाले, कोई बेल पर बाहर हैं, कोई रेल के खेल में अदालत के चक्कर लगा रहा है। और जो जमानत पर बाहर घूम रहे हैं, वे आज इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इन्हें लगता है कि अगर ये जेल चले गए, तो इनके सारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे। और इसलिए, सुबह–शाम ये लोग मोदी को भांति-भांति की गाली दे रहे हैं। और इतने बौखलाए हुए, इतने बौखलाए हुए हैं कि इस जनहित के कानून का विरोध कर रहे हैं। हमारे राजेंद्र बाबू, बाबा साहेब आंबेडकर ने कभी सोचा भी नहीं था, कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि सत्ता के भूखे लोग भ्रष्टाचार करेंगे और जेल जाने पर भी कुर्सी से चिपके रहेंगे। लेकिन अब भ्रष्टाचारी जेल भी जाएगा और उसकी कुर्सी भी जाएगी। भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त होने का संकल्प देश के कोटि-कोटि लोगों का है। ये संकल्प सिद्ध होकर रहेगा। मैंने लाल किले से एक और खतरे की बात की है। और ये खतरा बिहार पर भी है। देश में घुसपैठियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। बिहार के सीमावर्ती जिलों में तेजी से डेमोग्राफी बदल रही है। इसलिए एनडीए सरकार ने तय किया है कि देश का भविष्य घुसपैठियों को नहीं तय करने देंगे। घुसपैठियों को बिहार के युवाओं के रोजगार नहीं छीनने देंगे। जिन सुविधाओं पर भारतीय लोगों का अधिकार है, उस पर घुसपैठियों को डाका नहीं डालने देंगे। इस खतरे से निपटने के लिए मैंने डेमोग्राफी मिशन शुरू करने की बात कही है। बहुत जल्द ये मिशन अपना काम शुरू करेगा, हम हर घुसपैठिए को देश से बाहर करके ही रहेंगे। आप मुझे बताइए, इन घुसपैठियों को निकालना चाहिए कि नहीं निकालना चाहिए? क्या ये घुसपैठियें आपका रोजगार छीन लें, आपको मंजूर है? एक घुसपैठिया आपकी जमीन पर कब्जा कर ले, आपको मंजूर है? एक घुसपैठिया आपका हक छीन लें आपको मंजूर है? बिहार के आप सभी लोग देश के भीतर बैठे घुसपैठियों के समर्थकों से भी सावधान रहिए, जान जाइए कौन घुसपैठियों के साथ खड़ा है। कांग्रेस और आरजेडी जैसे दल बिहार के लोगों का हक छीनकर घुसपैठियों को देना चाहते हैं। तुष्टिकरण के लिए, वोटबैंक को बढ़ाने के लिए कांग्रेस-आरजेडी वाले कुछ भी कर सकते हैं, कितने ही नीचे जा सकते हैं। इसलिए बिहार के लोगों को बहुत सतर्क रहना है। हमें हमारे बिहार को कांग्रेस-आरजेडी की बुरी नज़र से बचाकर रखना है। बिहार के लिए ये समय बहुत अहम है। बिहार के युवाओं के सपने पूरे हों, बिहार के लोगों की आकांक्षाओं को नई उड़ान मिले, इसके लिए केंद्र सरकार, और नीतीश जी के साथ हम कंधे से कंधा मिलाकर बिहार के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। बिहार में विकास की गति बनी रहे, इसके लिए डबल इंजन की सरकार लगातार मेहनत कर रही है। आज के विकास प्रोजेक्ट इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इस बार के प्रधानमंत्री के दौरो के दौरान जिन योजनाओं की सौगात दी गयी, उनमें बक्सर में 660 मेगावाट क्षमता वाला थर्मल पावर प्लांट,मुंगेर में सीवरेज नेटवर्क और एसटीपी परियोजना,मुजफ्फरपुर के होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र का निर्माण,मोकामा-सिमरिया के बीच 4/6 लेन और गंगा ब्रिज का निर्माण और बख्तियारपुर से मोखामा एनएच-31 सड़क का सुधार शामिल है। इससे पूर्व 18 जुलाई 2025 के दौरे में प्रधानमंत्री ने मोतिहारी में यहां उन्होंने 7217 करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं का तोहफा देकर मिशन-चंपारण को साधने की कोशिश की।जून 2025 प्रधानमंत्री मोदी 20 जून को भी बिहार के सिवान पहुंचे थे।इस बार उन्होंने ₹5,700 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। जिसमें रेलवे, जल और बिजली से जुड़ी योजनाएं शामिल थीं।29 मई को प्रधानमंत्री मोदी पटना आए थे। उन्होंने बिहार को 50 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी थी।उन्होंने पटना एयरपोर्ट, एनटीपीसी बिजली परियोजना और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे जैसी कई योजनाओं की शुरुआत की। 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने 13,480 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। साथ ही बिहार में अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो भारत रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाई। फरबरी के भागलपुर दौरे के दौरान भागलपुर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किस्त जारी की थी। इसके अतिरिक्त बजट में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड का गठन करने का,2014 के बाद बने आईआईटी में साढ़े छह हजार नई सीटें जोड़ने, पटना आईआईटी को फायदा,बिहार में चार नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने की घोषणा,बिहार में फूड टेक्नोलॉजी, व्यसायिकता और मैनेजमेंट के लिए राष्ट्रीय योजना की शुरुआत ,सिंचाई सुविधा बेहतर करने के लिए पश्चिमी कोसी नहर परियोजना को वित्तीय सहायता के प्रावधान किए गए थे। ईएमएस/23/08/2025