राष्ट्रीय
30-Aug-2025
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:: जल चालीसा के रचयिता रमेश गोयल ने कहा - 2030 तक आधी आबादी को नहीं मिलेगा पीने का पानी :: इंदौर (ईएमएस)। जल संरक्षण की दिशा में लगातार काम कर रहे जल स्टार रमेश गोयल ने देश में गहराते जल संकट को लेकर एक गंभीर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि भारत के 5723 जल ब्लॉकों में से 60% से भी अधिक डार्क जोन में जा चुके हैं और अगर यही स्थिति रही तो दुनिया पीने के पानी के लिए तरस जाएगी। यह बात उन्होंने स्टेट प्रेस क्लब, मध्य प्रदेश में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कही। गोयल ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आधुनिकीकरण और बढ़ती जनसंख्या के कारण जंगल लगातार कम हो रहे हैं। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और मशीनीकरण से प्रदूषण और तापमान बढ़ रहा है, जिसका सीधा परिणाम जलवायु परिवर्तन के रूप में सामने आ रहा है। इससे या तो विनाशकारी बाढ़ आती है या फिर नदियों का जलस्तर घटता जा रहा है। उन्होंने नदियों में कूड़ा-कचरा डालने और भूजल के अत्यधिक दोहन को भी इस संकट का मुख्य कारण बताया। गोयल के अनुसार, भूजल स्तर में भारी गिरावट भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं का भी एक कारण है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही स्थिति रही तो 2030 तक आधी आबादी को पीने का पानी नहीं मिलेगा। उन्होंने चेन्नई में भूजल का समाप्त होना, केपटाउन में पानी की कमी और ऑस्ट्रेलिया में ऊंटों को मारने जैसी घटनाओं का जिक्र कर इस भयावह स्थिति को समझाया। इस समस्या से निपटने के लिए, गोयल ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि लोगों को मैं क्या कर सकता हूँ की सोच के साथ जल संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने वर्षा जल संग्रहण (Rain Water Harvesting) और भूजल पुनर्भरण (Recharge) पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने खेती में फव्वारा सिंचाई पद्धति का उपयोग करने और धान-गन्ने जैसी अधिक पानी खपत वाली फसलों के बजाय दलहन और तिलहन की खेती करने की सलाह दी। गोयल ने लोगों से संकल्प लेने को कहा कि वे पानी की टोंटी कभी भी बेकार नहीं चलने देंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे वर्षा का जल, जहां भी गिरे जब भी गिरे, संग्रहित करें को साकार करने का आह्वान किया, ताकि भविष्य में यह कहने की नौबत न आए, एक था राजा, एक थी रानी और एक था पानी। प्रारंभ में रमेश गोयल का स्वागत प्रवीण खारीवाल, कृष्णकांत रोकड़े व रवि चावला आदि ने किया। इस अवसर पर उन्होंने अपनी लिखी जल चालीसा और पुस्तक बिन पानी सब सून मीडियाकर्मियों को भेंट की। प्रकाश/30 अगस्त 2025