राष्ट्रीय
01-Sep-2025


नई दिल्ली,(ईएमएस)। एससीओ के कुछ देश पश्चिमी देशों के खिलाफ ही रहते हैं। इसमें रूस, ईरान और बेलारूस शामिल हैं। वहीं भारत और चीन का इन दिनों टैरिफ वॉर की वजह से अमेरिका से टकराव हो गया है। 2001 से इस संगठन में चीन ही अगुआ रहता था। वहीं रूस चाहता था कि कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान पर उसका प्रभाव बरकरार रहे। ईरान और बेलारूस अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से एससीओ का हिस्सा बन गए। वहीं पाकिस्तान चीन पर ही निर्भर रहता है। ऐसे में चीन ने ही उसे इस संगठन में शामिल कर लिया। एससीओ में भारत की एंट्री से सारा समीकरण ही बदल गया। भारत ने तटस्थता की नीति का पालन किया। इसके बावजूद अपने फायदे के लिए रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदना शुरू किया। इसी वजह से वॉशिंगटन और भारत के बीच तनाव भी बढ़ने लगा। वहीं एससीओ में भारत की एंट्री के बाद चीन और रूस का दबदबा भी संगठन में कम हो गया। भारत कभी रूस के यूक्रेन पर हमले का समर्थन नहीं करता है। वहीं चीन की ताइवान पर जो बुरी नजर है, उसको लेकर भी भारत चीन का पक्ष नहीं लेता है। भारत ने कहा था कि वह एससीओ के संयुक्त बयान पर साइन नहीं करेगा। इसका मुख्य कारण है कि एससीओ के अजेंडे से पहलगाम आतंकी हमले को बाहर कर दिया गया। इस बार एससीओ में मेहमान के तौर पर एजिप्ट, नेपाल और अन्य दक्षिण पूर्व के देशों को भी शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत 8 देशों के मुखिया चीन में इकट्ठे हो गए है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के इस सम्मेलन से इस बार अमेरिका को संदेश देने की भी कोशिश की जा रही है। हालांकि एससीओ के लक्ष्यों को लेकर अब भी स्पष्टता की कमी है। सभी की नजरें इस बार भारत पर ही टिकी हैं। अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है। वहीं सम्मेलन से पहले भारत ने कहा था कि अगर पहलगाम हमले को संयुक्त बयान में नहीं शामिल किया गया तो वह इस पर साइन ही नहीं करेगा। इस संगठन के 10 स्थायी सदस्य हैं जिनमें रूस, बेलारूस, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। मध्य एशिया में अमेरिका के प्रभाव कम करने के लिए ही इस संगठन का गठन किया गया था। इसी उद्देश्य से 2017 में इसमें दो सदस्यों को मिलाया गया जिनमें भारत और पाकिस्तान भी शामिल हैं। 2023 में ईरान और 2024 में बेलारूस भी इसका हिस्सा हो गया। वीरेंद्र/ईएमएस/01सितंबर2025