* फार्मा मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है उत्तर गुजरात, वैश्विक स्तर पर मजबूत करने का है लक्ष्य अहमदाबाद (ईएमएस)| गुजरात भारत के फार्मास्युटिकल क्षेत्र के विकास में उल्लेखनीय योगदान के साथ ‘फार्मा हब’ बन गया है। गुजरात में फार्मास्युटिकल क्षेत्र में हुई प्रगति का श्रेय सरकार की विभिन्न पहलों और निवेश के अवसरों को जाता है। बता दें कि गुजरात सन फार्मा, जायडस कैडिला, इंटास फार्मास्युटिकल्स और एमनील फार्मास्युटिकल जैसी ग्लोबल कंपनियों का ‘घर’ है। गुजरात के फार्मास्युटिकल उत्पादन में उत्तर गुजरात का 12 फीसदी योगदान गुजरात के कुल फार्मास्युटिकल उत्पादन में उत्तर गुजरात का योगदान 12 फीसदी है। मेहसाणा में बल्क ड्रग का उत्पादन, एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स (एपीआई), मध्यवर्ती और फॉर्मूलेशन में विशाल संभावनाएं हैं। टोरेंट फार्मा जैसी जानी-मानी कंपनियां के कारण इन अवसरों में वृद्धि हुई है। कंपनी का अमेरिकी दवा नियामक यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिट्रेशन (यूएस-एफडीए) द्वारा मान्यता प्राप्त प्लांट मेहसाणा जिले की कड़ी तहसील के इंद्राड़ गांव में स्थित है, जो वार्षिक 30 मिलियन वायल (शीशी) की क्षमता के साथ एपीआई और फॉर्मूलेशन, दोनों का उत्पादन करता है। इस प्लांट में ग्लोबल इंसुलिन उत्पादक नोवो नॉर्डिस्क के लिए विशेष सुविधा भी उपलब्ध है। टोरेंट भारत में एकमात्र कंपनी है, जो नोवो नॉर्डिस्क के लिए समझौते के तहत इंसुलिन का उत्पादन करती है। पाटण में छोटी और मध्यम फार्मा कंपनियों की मजबूत उपस्थिति है, जो इंजेक्टेबल और फॉर्मूलेशन पर ध्यान केंद्रित करती हैं। जिले में मेडटेक क्षेत्र में भी आशाजनक वृद्धि देखने को मिल रही है, जिसका नेतृत्व वैस्कुलर इंटरवेंशनल डिवाइस, हॉस्पिटल ट्रॉली और स्ट्रेचर जैसे आवश्यक चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कंपनियां कर रही हैं। उत्तर गुजरात के मेहसाणा, पाटण और साबरकांठा जिलों में जीएमईआरएस (गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसायटी) मेडिकल कॉलेजें स्थित हैं। इसके अलावा, हेमचंद्राचार्य उत्तर गुजरात यूनिवर्सिटी (पाटण), गोकुल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (सिद्धपुर), एस.के. पटेल कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिक एजुकेशन एंड रिसर्च, गणपत यूनिवर्सिटी (खेरवा, मेहसाणा), बनास मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पालनपुर), सिद्धपुर डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल तथा आर्डेक्टा होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (खेड़ब्रह्मा) जैसी संस्थाएं स्थित हैं। इसके अतिरिक्त, सरकारी और निजी क्षेत्र के हॉस्पिटलों में व्यापक और विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं, जो उत्तर गुजरात के हेल्थकेयर क्षेत्र को सुदृढ़ बनाती हैं। इस क्षेत्र में हेल्थकेयर का मजबूत नेटवर्क भी है, जिसमें 318 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और 75 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शामिल हैं। मजबूत इकोसिस्टम और रणनीतिक स्थान के साथ, आगामी वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) फार्मास्युटिकल क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इस कार्यक्रम को सरकार, उद्योग और यूनिवर्सिटियों के बीच के मजबूत सहयोग का भी लाभ मिलेगा, जो देश के फार्मास्युटिकल उद्योग के भविष्य को आकार देने के लिए तैयार हैं। सतीश/01 सितंबर