नई दिल्ली (ईएमएस)। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से आई बाढ़ का पानी दिल्ली के सबसे पुराने और व्यस्त श्मशान घाट, निगमबोध में घुसने लगा है। यहां पानी का स्तर बढ़ने से श्मशान घाट में काम रुक सकता है। नदी के किनारे से पानी परिसर में आने लगा है। हालांकि, घाट अभी भी चालू है और अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। एमसीडी के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि अभी घाट को बंद नहीं किया गया है, लेकिन अगर बाढ़ का पानी बढ़ता है, तो इसे कुछ समय के लिए बंद किया जा सकता है। लाल किले के पीछे रिंग रोड पर स्थित, निगमबोध घाट की क्षमता 42 श्मशान घाटों की है। यह शहर का सबसे पुराना, सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त श्मशान घाट है। यहां फिलहाल दाह संस्कार की संख्या कम हो गई है, लेकिन अनुष्ठान जारी हैं। अभी तक चिताओं तक पानी नहीं पहुंचा है। निगमबोध घाट के कार्यवाहक ने बताया कि अगर जलस्तर और बढ़ा, तो हमें रुकना पड़ सकता है। 1950 के दशक में निगमबोध घाट पर एक विद्युत शवदाह गृह बनाया गया था। इसके बाद साल 2006 में नगर निगम द्वारा एक सीएनजी-चालित शवदाह गृह जोड़ा गया था। दरअसल, दिल्ली में यमुना नदी 2 सितंबर (मंगलवार) को निकासी के निशान को पार कर गई। जल स्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया था और तब से बढ़ रहा है। जैसे ही जल का स्तर बढ़ा, निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को निकाला गया और पुराने रेलवे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया। जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण वज़ीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है। सुबह 8.00 बजे हथिनीकुंड बैराज से 1.62 लाख क्यूसेक और वज़ीराबाद बैराज से 1.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/04/ सितंबर /2025