नर्मदापुरम (ईएमएस)। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने हेतु नर्मदापुरम के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नवाचारी खगोलीय मॉडलों पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। यह कार्यशाला मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल के सहयोग से विज्ञान लोकप्रियकरण एवं सामाजिक शोध संस्था रायसेन द्वारा आयोजित की जा रही है। उद्घाटन सत्र में संयुक्त संचालक डॉ. मनीष वर्मा ने आर्यभट्ट की खगोल विज्ञान में योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि क्रियाशील मॉडलों से विद्यार्थी जटिल खगोलीय अवधारणाओं को आसानी से समझ सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे समर्पित भाव से कार्य कर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर भारत निर्माण हेतु प्रेरित करें। इस अवसर पर प्रो. जवाहरलाल जैन (पूर्व विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग, सागर यूनिवर्सिटी) और डॉ. श्रीनिवास एस. औंधकार (डायरेक्टर, एमजीएम सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी, औरंगाबाद) ने भी विचार साझा किए। अतिथियों ने खगोलीय मॉडलों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया जिसमें सूर्य-चन्द्र ग्रहण, मौसम चक्र, चन्द्र कला, पृथ्वी-चन्द्र गुरुत्वीय क्रिया जैसे प्रयोगों का प्रदर्शन किया गया। कार्यशाला में 55 से अधिक शिक्षक भाग ले रहे हैं। पहले दिन के सत्र में खगोलीय मानचित्र से आकाशीय पिंडों की पहचान तथा भूगोल की जटिल अवधारणाओं को गतिविधि आधारित शिक्षण से सरल बनाने के तरीके सिखाए गए। प्राचार्या श्रीमती साधना विलयारिया ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम का संचालन दीपक सोनी ने किया। कार्यशाला आगामी दो दिनों तक जारी रहेगी। ईएमएस/राजीव अग्रवाल/ 01 सितंबर 2025