-सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील दायर की मुंबई(ईएमएस) । अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट ग्रुप ने भारतीय शेयर बाजार के रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के खिलाफ केस कर दिया है। सेबी ने जेन स्ट्रीट पर बाजार में हेरफेर करने और 4,844 करोड़ रुपए का अवैध मुनाफा कमाने का आरोप लगाते हुए शेयर बाजार से बैन कर दिया था। जेन स्ट्रीट ने सेबी के फैसले को चुनौती देते हुए सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील दायर की है। एसएटी शेयर बाजार से जुड़े मामलों में रेगुलेटर के फैसलों पर सुनवाई करता है। हालांकि जेन स्ट्रीट ने इसपर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है, और सेबी की ओर से भी कोई जवाब नहीं आया है। गौरतलब है कि सेबी ने 3 जुलाई 2025 को जेन स्ट्रीट की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी थी। सेबी का कहना था कि जेन स्ट्रीट ने निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी में हेराफेरी की, जिससे उसे भारी मुनाफा हुआ। जेन स्ट्रीट ने जनवरी 2023 से मई 2025 तक जेन स्ट्रीट ने 36,671 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था, जिसमें से 4,844 करोड़ रुपए को गैर-कानूनी मुनाफा माना गया। सेबी ने निर्देश दिया था कि ट्रेडिंग फिर से शुरू करने के लिए उसे 4,844 करोड़ रुपए एस्क्रो अकाउंट में जमा करने होंगे। जेन स्ट्रीट ने 11 जुलाई को यह राशि जमा कर दी। 18 जुलाई को सेबी ने उसे ट्रेडिंग की अनुमति दे दी। लेकिन, यह भी साफ कर दिया कि जेन स्ट्रीट को उन ट्रेडिंग पैटन्र्स से बचना होगा, जिन्हें मार्केट रेगुलेटर ने मैनिपुलेटिव माना था। हेराफेरी के आरोपों को गलत बताया था जेन स्ट्रीट ने सेबी के आरोपों को गलत बताया था। कंपनी का कहना है कि उसने जो ट्रेडिंग की, वह एक सामान्य इंडेक्स आर्बिट्रेज स्ट्रैटेजी थी, जिसमें बाजार में कीमतों के अंतर का फायदा उठाया जाता है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को भेजे एक आंतरिक मेमो में कहा कि सेबी ने उनकी ट्रेडिंग को गलत समझा है। जेन स्ट्रीट ने यह भी कहा कि वह सेबी के साथ मिलकर इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, कंपनी ने यह साफ कर दिया है कि वह फिलहाल भारत में ऑप्शंस ट्रेडिंग नहीं करेगी। जेन स्ट्रीट की भारत में डेरिवेटिव्स में हिस्सेदारी सामान्य शेयरों की तुलना में 5 से 7 गुना ज्यादा थी।