- शारिक का साथी राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो से मिला - शारिक को माफ करने की विनती कि, भगाने पर मिठाई का डिब्बा छोड़ गया भोपाल(ईएमएस)। एमडी ड्रग्स, अवैध कब्जे, मारपीट, अड़ीबाजी, दुष्कर्म सहित अन्य धर्म की युवतियों पर धर्मांतरण के लिये दबाव बनाने के मामलो में बुरी तरह फंसे मछली परिवार का एक और कारनामा सामने आया है। आरोपी शारिक मछली ने अपने खिलाफ चल रही को जांच रोकने के लिये राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो से मदद मांगने की कोशिश की है। इसके लिए शारिक ने अपने नजदीकी और साथ में ही काम करने वाले प्रॉपर्टी कारोबारी को कानूनगो से मिलने के लिये भेजा। उसने प्रियक से मिलकर शारिक को माफ करने की विनती की। उसकी बात पर प्रियंक कानूनगो भड़क गये और उसे घर से भगा दिया। जाते-जाते वह कानूनगो के आवास के सामने मिठाई के डिब्बे छोड़ गया। प्रियंक ने इसकी सूचना पुलिस को दी, मौके पर पहुचीं पुलिस ने उन्हें जब्त कर लिया है। इस सारे मामले की जानकारी एनएचआरसी के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने खुद ही एक्स पर पोस्ट के जरिये दी है। अपने पोस्ट में कानूनगो ने लिखा है, कि मेरे दिल्ली शासकीय आवास पर जैनेंद्र पाठक नामक एक व्यक्ति खुद को मध्यप्रदेश का निवासी बता कर मुलाकात के लिए आया। मुझसे मिलकर उसने कहा की वह भोपाल वाले शारिक मछली के साथ प्रॉपर्टी का धंधा करता है, व उसकी तरफ से आया है। उसका बहुत नुकसान हो गया है, उसको छोड़ दीजिए।” मैंने उसको डांट कर भगा दिया। वह अपने साथ लाई मिठाई देना चाह रहा था, जो कि वह जाते समय घर के दरवाजे पर छोड़कर भाग गया। हमने पुलिस को शिकायत कर दी है, और पुलिस जब्ती कर सामान ले गई है। कानूनगो ने आगे लिखा है, कि शारिक के विरुद्ध हिंदू लड़कियों को ड्रग देने, बलात्कार करने, वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर धर्मातंरण करने का दबाव बनाने के मामले के अलावा वंचित तबके के हिंदू केवट, मांझी जाति के लोगों के वंशानुगत अधिकार वाले तालाबों पर मत्स्याखेट के लिए कब्जे किए जाने के मामले में मेरे निर्देश पर जांच की जा रही है। इसलिए उसके द्वारा इस तरह का कृत्य करने का साहस किया गया है। कानूनगो ने कहा है कि इन सभी मामलों की जांच पूरी सख्ती और सत्यनिष्ठा से की जाएगी। जुनेद / 3 सितंबर