* घर बने तालाब * लोग रातभर करते रहे रतजगा कोरबा (ईएमएस) कोरबा अंचल में भादो महीने में लगातार हो रही बारिश ने कोरबा के नेहरू नगर कुआभट्टा क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया हैं। जानकारी के अनुसार गत रात्रि हुई बारिश ने अंजनी कुंज हनुमान मंदिर के आसपास की निचली बस्तियों को तालाब बना दिया। घरों में घुसा पानी लोगों के लिए मुसीबत बन गया। बरसाती पानी के तेज बहाव से घरों के भीतर तक पानी घुस गया। खाने-पीने का सामान, कपड़े और जरूरी वस्तुएं खराब हो गईं। लोग पूरी रात बच्चों को लेकर रतजगा करने मजबूर हो गए। सुबह होते ही पानी निकालने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ी। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह समस्या हर साल बारिश में दोहराई जाती है। पूर्व और वर्तमान महापौर से लेकर नगर पालिक प्रशासन तक को शिकायतें दी गईं, पत्राचार भी किया गया, पावती भी है, लेकिन समाधान अब तक अधूरा है। रिहायशी इलाकों के लोग अब स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर साल की यह जलभराव समस्या केवल आश्वासन से खत्म नहीं होगी, ठोस कार्ययोजना और जिम्मेदारी तय करना जरूरी है। अधिकारियों की उदासीनता पर बरसे इस इलाके के लोगों की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि वे लगातार समस्या के बारे में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को बताते रहे हैं लेकिन हुआ कुछ नहीं। उनका कहना है कि चुनाव और दूसरे अभियान के समय बड़े-बड़े हवा हवाई दावे किए जाते हैं लेकिन बाद में जमीनी सच्चाई सामने आती है। लोगों ने बताया कि न केवल हमारे सामने बल्कि और भी हिस्सों में इस प्रकार की समस्या बारिश में आती रही है और हर बार लोगों को आश्वासन का झुनझुना थमा दिया जाता है। लोगों ने कहा कि जब सुशासन के दावे सरकार कर रही है तो हमारे क्षेत्र में ऐसी तस्वीर कब नजर आएगी। * टुल्लू पम्प से पानी निकालते रहे लोग कुआभट्ठा क्षेत्र में निर्मित हुई इस समस्या के कारण लोग परेशान रहे। अपने घर के आंगन से लेकर भीतर के कमरों तक बड़ी मात्रा में पानी की एंट्री होने से लोगों के सामने चुनौती खड़ी हो गई। दीवारों और आसपास के हिस्से में नमी के कारण भविष्य के खतरे ने लोगों को डराया। ऐसी स्थिति में लोगों ने कूलर की मोटर के अलावा टुल्लू पंप का सहारा लिया और पानी को बाहर किया। उन्होंने बताया कि रात्रि में पैदा हुई इस समस्या के चक्कर में बच्चों को स्कूल भेजने में समस्या हुई और दिन के कामकाज पर भी असर पड़ा। सबसे बड़ी मुसीबत इस बात की है कि जो सामान इस समस्या के कारण नष्ट हुआ है उसकी भरपाई कैसे होगी। 04 सितंबर / मित्तल