किसी भी चीज को मशहूर होने में लंबा वक्त लगता है एक से दूसरे, दूसरे से तीसरे, तीसरे से चौथे तक जब वह बात पहुंचती है तब वो प्रसिद्ध हो पाता है, लेकिन मानते हैं जबलपुर में बने मध्य प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाई ओवर को जो रातों रात पूरे देश और विदेश में मशहूर हो गया और इसका पूरा श्रेय हमारे अपने संस्कारधानी के लोगों को जाता है। फ्लाई ओवर का उद्घाटन जो हुआ और उसे आम लोगों के लिए क्या खोल दिया गया शहर की जनता पगला सी गई, उसने आज तक शहर में ऐसा विकास ना देखा था और ना कभी कल्पना की थी कि इतना बड़ा सात किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर जबलपुर जैसे कस्बे में बन जाएगा। बस क्या था हर कोई फ्लाईओवर में चढ़कर अपनी फोटो खिंचवाने में व्यस्त हो गया, परिवार के परिवार कारों से, स्कूटर से, मोटरसाइकिल से पहुंचकर सेल्फी लेने में जुट गए, रील बनाने की तो ऐसी होड़ लगी कि किन्नरों ने माधुरी दीक्षित के गाने पर डांस करते हुए रील बना डाली। यहां तक तो ठीक था लोग बागों ने उसको पिकनिक स्पॉट बना दिया, उधर जन्मदिन मनाने लगे केक कटने लगा, डांस होने लगा,हैपी बर्थ डे के नारों से फ्लाईओवर गूंजने लगा फिर ये हुआ कि एक भाई साहब ऊंट लेकर वहां पहुंच गए और उधर आने वाली फैमिली के बच्चों को ऊंट में बिठाकर फ्लाईओवर की सैर करवाने लगे। जब ऊंट पहुंचा तो घोड़ा कैसे पीछे रहता है तो दो-चार लोग घोड़े लेकर पहुंच गए इधर कुछ महावत हाथी की तैयारी कर रहे थे इसी बीच पता लगा कि ऊंट और घोड़ों को पुलिस ने खदेड़ दिया है जब असली जानवरों को खदेड़ने की बात पता लगी तो एक भाई साहब खरगोश बनकर बच्चों के साथ रील बनाने लगे जैसे तैसे पुलिस ने उन भाई साहब के शरीर से खरगोश की ड्रेस उतरवाई और थाने की सैर करवा दी। बेचारा फ्लाईओवर भी ये सोच सोच के हैरान है कि ऐसे कौन से शहर में मेरा निर्माण हो गया है जहा चलने फिरने और स्मूथ ट्रैफिक की बजाय ऐसी-ऐसी नौटंकी हो रही हैं कुछ युवक ब्रिज की दीवारों पर चढ़ बैठे, अब जब यह सब हो रहा था तो जाहिर सी बात है कि अखबारों में, टीवी चैनलों ,में सोशल मीडिया में ये तमाम रील और फोटो अपलोड हो गए और देखते ही देखते हमारा प्यारा फ्लाईओवर पूरे देश में तो छोड़ो विदेश तक में मशहूर हो गया अब सुना है कि वहां पुलिस की तैनाती कर दी गई है और प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह जी जिनको इस फ्लाईओवर बनवाने का श्रेय है ने तमाम राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के साथ जाकर लोगों से अपील की है कि वे फ्लाईओवर को फ्लाईओवर ही रहने दे मनोरंजन का साधन न बनाएं देखते हैं उनकी अपील पर कितना असर होता है। भांजे का प्यार कहते हैं की मौसी मां के बराबर ही होती है क्योंकि वो मां की सगी बहन जो होती है। जबलपुर में एक मौसी अपनी बहन से मिलने बाहर शहर से आई और उसको पता लगा कि बहन के बेटे की स्कूल की फीस जमा नहीं हो पाई है जिसके कारण उसका नाम स्कूल से कट सकता है मौसी तो मौसी होती उससे भांजे का दुख नहीं देखा गया उसने कहा तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारी फीस की व्यवस्था करती हूं और भांजे को लेकर पड़ोस में लगे एटीएम में पेंच कस , स्क्रू ड्राइवर, प्लास, आरी जैसे सारे उपकरण लेकर पंहुच गई लेकिन जब एटीएम नहीं उखाड़ पाई तो वहां लगे कैमरे उखाड़ कर नौ दो ग्यारह हो गई।पुलिस ने जब खोजबीन करी तो पता लगा कि मौसी जी और उनका भांजा एटीएम उखाड़ने गया था ताकि पैसे की व्यवस्था हो जाए और भांजे की फीस अदा कर सके, पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन यह तो सोचना चाहिए उस मौसी की महानता को देखो भांजे की फीस के लिए कितनी बड़ी रिस्क उसने उठा ली भांजा पढ़ाई में पीछे ना रह जाए स्कूल से नाम न कटे इसके लिए उसने यह कृत्य कर डाला। पुलिस को भी उस पर थोड़ी दया आना चाहिए उसकी महानता और भांजे प्रेम का कायल भी हो जाना चाहिए वरना आजकल रिश्ते नाते बचे ही कहां है सब कुछ तो लगभग खत्म सही हो गया है ऐसी स्थिति में अगर मौसी ने भांजे के लिए इतना बड़ा अपराध कर दिया तो उस मौसी को बंद करने की बजाय उसका अभिनंदन करना चाहिए। फटकार लगा दी है भिंड के भारतीय जनता पार्टी के विधायक माननीय नरेंद्र सिंह कुशवाहा जी और भिंड के ही माननीय कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव जी के बंगले पर जो कुछ भी हुआ वो पूरे प्रदेश ने देखा। एक दूसरे को चोर उचक्का न जाने क्या-क्या कहा गया। एक ने कहा तू रेत की चोरी करता है, तो दूसरे ने कहा तू रेत के पैसे खाता है, एक ने उंगली दिखाई तो दूसरे ने मुक्का दिखा दिया। कलेक्टर चोर है के नारे विधायक जी ने लगवा दिए। जब मसला सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से सामने आया तो हमेशा की तरह पार्टी ने विधायक जी को बुलाया और फटकार लगा दी यानी मामला खत्म हो गया ,जैसे पिछली बार मैंने लिखा था कि बैठक, निर्देश जांच और कार्यवाही ये शब्द अगर डिक्शनरी में ना होते तो ना सरकारें चल पाती और ना ही अफसरशाही , वैसे ही आजकल भारतीय जनता पार्टी ने दो शब्द चुन लिए हैं फटकार और चेतावनी कुछ भी होता है पार्टी का कोई भी व्यक्ति, नेता गड़बड़ी करता है उसको बकायदा दफ्तर में बुलाया जाता है और फटकार लगाकर चेतावनी दे दी जाती है कि भविष्य में ऐसा मत करना। अरे भैया भविष्य में छोड़ो जो कुछ अभी वर्तमान में हुआ है उस पर तो कोई कार्यवाही कर दो लेकिन सवाल ये है कि जो विधायक जी तीन-तीन बार जीत कर आए हैं उनके खिलाफ कार्यवाही करें तो करें कैसे पार्टी, सरकार उसको भी चलाना है अगर इस तरह से विधायकों पर या नेताओं पर कार्यवाही करने लगी तो सरकार भी संकट में पड़ सकती है इसलिए उन्होंने फटकार और चेतावनी शब्द सीख लिए हैं इधर यह भी पता लगा है कि कलेक्टर की तरफ मुक्का तानने वाले विधायक जी के तेवर ठंडे नहीं पड़े हैं पार्टी की फटकार और चेतावनी का उन पर लगता है कोई असर हुआ नहीं है। उनका साफ कहना है कि किसानों को खाद नहीं मिल रही थी इसलिए वो कलेक्टर के से मिलने गए थे लेकिन अफसर शाही के नशे में चूर कलेक्टर ने उनकी बात ना सुनकर उन पर ही उल्टा आरोप लगा दिया इधर आईएएस संगठन ने भी मुख्यमंत्री को पत्र दे दिया है कि ऐसे में तो काम करना बड़ा कठिन हो जाएगा लेकिन अपने को मालूम है कि जैसे-जैसे समय बीतेगा सारी चीज ठंडी हो जाएगी जैसा पहले भी हुआ है और होता रहा है। सुपर हिट ऑफ द वीक आज हमारी शादी को पच्चीस साल हो गए, समय कैसे गुजर गया कुछ पता ही नहीं चला श्रीमती जी ने श्रीमान जी से कहा समय का पता कैदी को चलता है जेलर को नहीं श्रीमान जी ने उत्तर दे दिया। ईएमएस / 06 सितम्बर 25