कोरबा (ईएमएस) कोरबा-पश्चिम एसईसीएल दीपका क्षेत्र में प्रतिदिन की जाने वाली ब्लास्टिंग को लेकर स्थानीय स्तर पर कई तरह की चर्चा हो रही हैं। बताया जा रहा हैं की प्रबंधन द्वारा प्रतिदिन ब्लास्टिंग के लिए लगभग छह एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिनके माध्यम से करीब 2000 टन बारूद की आपूर्ति खदान क्षेत्र में की जाती है। इस पूरी प्रक्रिया की देखरेख संबंधित विभाग के दिशा-निर्देश में की जाती है, लेकिन स्थानीय निवासियों का आरोप लगाते हुए कहना है कि ब्लास्टिंग मानकता के अनुरूप नहीं हो रही है। इसका असर ग्राम हरदीबाजार क्षेत्र के आसपास बसे घरों और ढांचों पर पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार हो रही कंपन और झटकों से दीवारों में दरारें पड़ रही हैं और लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार बारूद आपूर्ति और खपत को लेकर भी कई तरह की अनियमितताओं की चर्चा है। कहा जा रहा है कि प्रति टन करीब 145 रुपए का अंतर इस पूरे सिस्टम में बनाया जाता है, जिससे वास्तविक खपत और कागजों में दर्ज आंकड़ों में भिन्नता का संदेह पैदा होता है। बारूद ले जाने वाले भारी वाहनों की प्रक्रिया को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कहना हैं की जब वाहन खदान क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो उस समय उनमें लगी पानी की टंकियां (लगभग 800 से 1000 लीटर क्षमता वाली) पूरी तरह भरी होती हैं। लेकिन बारूद खाली करने के बाद जब वही वाहन वापस लौटते हैं और पुनः वजन किया जाता है तो टंकी खाली होने से वजन में अंतर आ जाता है। इस तरह से संदेह है कि इस पूरी प्रक्रिया में एक बड़ा खेल चल रहा है। 06 सितंबर / मित्तल