पटना, (ईएमएस)। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने आरोप लगाया है कि एसआईआर के नाम पर प्रताड़ित हो रहे शिक्षक आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। गत 29 अगस्त को बिहार के मुजफ्फरपुर में काजी मोहम्मदपुर थाना के आमगोला नीतीश्वर मार्ग की रहने वाली तालिमी मरकज की 58 वर्षीय शिक्षिका आशा मिंज और गत 31 अगस्त को सुल्तानगंज के सीतारामपुर निवासी 50 वर्षीय शिक्षक अविनाश कुमार ने एसआईआर के नाम पर बड़े अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद आत्महत्या करने को मजबूर हो गए। राजद प्रवक्ता ने बताया कि उक्त घटनाओं की जानकारी जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को मिली तो उनके निर्देश पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल द्वारा पूर्व मंत्री इजरायल मंशुरी के संयोजकत्व में प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन, विधायक निरंजन राय, पूर्व विधायक स्वीटी सिमा हेम्ब्रम, राजद महासचिव सह मुख्यालय प्रभारी मुकुंद सिंह एवं मुजफ्फरपुर जिला राजद के अध्यक्ष रमेश गुप्ता की जांच कमिटी का गठन किया गया और वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया गया। जांच कमिटी ने पाया कि चुनाव आयोग द्वारा सिमित समय-सीमा के अन्दर एस आई आर कराने की जीद्द की वजह से बीएलओ बनाए गए शिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविकाओं और अन्य कर्मियों को उपर के अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। कार्यक्षमता से ज्यादा काम के बोझ से वे मानसिक और शारीरिक रूप से काफी दबाव महसूस कर रहे हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जिन्हें बगैर ट्रेनिंग के हीं इस काम में लगा दिया गया है। बहुत से शिक्षक ऐसे हैं जिनका पदस्थापन अभी हुआ है और उन्हें वहां का बीएलओ बना दिया गया है जिस क्षेत्र और वहां के लोगों से वे बिल्कुल अपरिचित हैं। साथ हीं उनके उपर नियत समय में टारगेट पूरा करने का दबाव है। अधिकािरयों द्वारा सही मार्गदर्शन और सहयोग भी नहीं मिलता पर उपर से उन्हें ईआरओ और एईआरओ का डांट और नौकरी से निकाल देने की धमकियां सुननी पड़ती है। जिसकी वजह से काम में गलतियां और गड़बड़ियां भी हो जा रही है। उपर के अधिकारियों द्वारा उनसे गलत काम भी करवाया जाता है। उन्हें कहा जाता है कि जैसे-तैसे समय सीमा के अन्दर निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना है। जो बीएलओ ऐसा नहीं करते उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है और अबतक सैंकड़ों बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। नौकरी जाने के भय से कोई बीएलओ मुंह नहीं खोलता और कैमरे के सामने बोलने से डरता है। मुजफ्फरपुर की आदीवासी परिवार की मृतक बीएलओ आशा मिंज काम के दबाव और अधिकारियों की फटकार से पिछले एक सप्ताह से काफी परेशान थी और अन्ततः 29 अगस्त को आत्महत्या करने को मजबूर हो गई। एक सप्ताह पहले हीं उसे उस मतदान केन्द्र का बीएलओ बनाया गया था जहां के लोगों को वह जानती हीं नहीं थी।मृतक का परिवार आज भी काफी दहशत में है। सुल्तानगंज के मृतक अविनाश कुमार का अभी हाल हीं में ऑपरेशन हुआ था। 25 अगस्त को हीं वे मिर्जापुर मीडिल स्कूल से मीडिल स्कूल शिवनन्दन पुर मुशहरी स्थानांतरित होकर आए थे। 30 अगस्त को अपने लड़के के साथ प्रखंड कार्यालय जाकर अपनी असमर्थता जताई तो उन्हें नौकरी से निकालने और जेल भेजने की धमकी दी गई। उस दिन अपने परिवार के अन्य सदस्यों के सहयोग से रात भर काम करते रहे। 31 अगस्त को सबेरे रेलवे ओवरब्रिज पर जाकर खुदकुशी कर ली। संतोष झा- ०६ सितंबर/२०२५/ईएमएस