ज़रा हटके
07-Sep-2025
...


क्यूरिटिबा (ईएमएस)। डेंगू, चिकनगुनिया और जीका से निपटने के लिए ब्राजील में करोड़ों मच्छरों की फौज तैयार की जा रही है। ये फौज डेंगू और जीका से लड़ने में सक्षम है। यही वजह है कि क्यूरिटिबा शहर में एक ऐसी फैक्ट्री है, जिसके बारे में सुनकर एक बार तो लोगों को यकीन नहीं आता है। यह फैक्ट्री मच्छर बनाती है। इस फैक्ट्री में करोड़ों की संख्या में मच्छर तैयार हो रहे हैं। यहां हर हफ्ते मच्छरों के करीब 10 करोड़ अंडे तैयार किए जाते हैं। इनको बहुत ही नाजुक ढंग से पाला जाता है। ये मच्छर ज्यादा से ज्यादा अंडे दें, इसके लिए इनको घोड़ों का खून भी पिलाया जाता है। दरअसल इन मच्छरों में वोलबाचिया नाम का बैक्टीरिया डाला जाता है। यह बैक्टीरिया मच्छरों की बीमारी फैलाने की क्षमता को कम कर देता है। फैक्ट्री में तैयार मच्छर जब बाहर छोड़े जाते हैं, तो वे दूसरे मच्छरों में भी यही वायरस फैला देते हैं। इन मच्छरों को प्यार से वोलबिटोस कहा जा रहा है। कोलंबिया, इंडोनेशिया और ब्राजील के नितेरोई में भी यह प्रयोग आजमाया जा चुका है। इन शहरों में मच्छरों को पैदा करने का परिणाम शानदार रहा। प्रयोग में शामिल जगहों में डेंगू के मामलों में 69 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। मच्छरों की इस फैक्ट्री को चलाना इतना भी आसान नहीं है। मच्छरों के पनपने के लिए सही तापमान, नमी और खून चाहिए। साथ ही आसपास के लोगों को भी समझाना पड़ता है कि ये मच्छर काटने वाले नहीं बचाने वाले हैं। यानी इनसे किसी तरह का कोई खतरा उनको नहीं है। ब्राजील के क्यूरिटिबा की यह अनोखी फैक्ट्री करोड़ों मच्छरों को पैदा कर रही है। ये इसलिए ताकि ये फैलने वाली बीमारियों से निपटा जा सके। यहां पैदा होने वाले मच्छर डेंगू, जीका और चिकनगुनिया जैसे संक्रमण नहीं फैला सकते। ऐसे में वायरस से लड़ने वाले मच्छरों की एक सेना फैक्ट्री में तैयार की जाती है। वीरेंद्र/ईएमएस 07 सितंबर 2025