ज़रा हटके
09-Sep-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। चाय, खासकर ग्रीन टी और ब्लैक टी, न केवल थकान मिटाती है बल्कि गंभीर बीमारियों के खतरे को भी कम कर सकती है। ताजा रिसर्च में वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका नियमित सेवन कैंसर, दिल की बीमारियां, डायबिटीज, गठिया और मस्तिष्क संबंधी रोगों से बचाव में मददगार हो सकता है। अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चाय के पत्तों में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स बेहद फायदेमंद हैं। इनमें खासतौर पर ईजीसीडी नामक तत्व शरीर में सूजन को कम करता है, कोशिकाओं को टूटने से बचाता है और हानिकारक तत्वों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि जो लोग रोजाना 3 से 5 कप ग्रीन या ब्लैक टी पीते हैं, उनमें कैंसर का खतरा काफी हद तक घट जाता है। इसमें स्किन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और यहां तक कि ब्रेस्ट कैंसर जैसे खतरनाक रोग शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी चेताया है कि बहुत गर्म चाय पीना लाभकारी नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर से बचाव के अलावा चाय दिल की बीमारियों में भी मददगार है। ग्रीन टी शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाती है, फैट को बाहर निकालने में मदद करती है और हृदय की धमनियों को साफ रखने का काम करती है। यही नहीं, डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए भी ग्रीन टी एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है, क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रीन टी का सेवन लंबे समय तक शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचाने में अहम भूमिका निभा सकता है। शोध में यह भी सामने आया है कि पार्किंसन जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों में भी चाय का सेवन फायदेमंद हो सकता है। नियमित रूप से संतुलित मात्रा में चाय पीने वाले लोगों में दिमाग से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है और मानसिक स्वास्थ्य मजबूत रहता है। हालांकि, रिसर्च यह भी बताती है कि जरूरत से ज्यादा चाय पीना, खाली पेट चाय पीना या अत्यधिक शक्कर डालकर पीना स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि चाय जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकती है, लेकिन इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए। हालांकि, अभी इस विषय पर और बड़े पैमाने पर शोध की जरूरत है ताकि इसके सभी फायदे और नुकसान को पूरी तरह से समझा जा सके। बता दें कि भारतीय संस्कृति में चाय का स्थान सिर्फ एक पेय पदार्थ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। सुबह की शुरुआत हो या दिनभर की थकान मिटाने का तरीका, चाय हमेशा से लोगों की पसंद रही है। सुदामा/ईएमएस 09 सितंबर 2025