राष्ट्रीय
09-Sep-2025


जम्मू,(ईएमएस)। हजरत बल दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक वाली पट्टिका से तोड़फोड़ का मामला गरमाया हुआ है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने के लिए जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पीडीपी ने प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए निगीन थाने में संपर्क किया था, लेकिन वहां इनकार कर दिया गया। बता दें कि नमाज के बाद अज्ञात व्यक्तियों की ओर से पट्टिका को खंडित कर दिया गया, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। अंद्राबी ने प्रतीक चिह्न को क्षतिग्रस्त करने वाले लोगों के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने सहित कठोर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। अब्दुल्ला ने अंद्राबी की प्रतिक्रिया की निंदा करते हुए कहा कि बोर्ड ने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया और अब धमकियों का इस्तेमाल कर रहा है। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने एक पोस्ट में दावा किया कि मुसलमान कानून के निशाने पर हैं, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय खुद पीड़ित है। महबूबा कहा, निगीन थाने में वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार किए जाने के बाद पीडीपी अब हजरत बल थाने का रुख करेगी। मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस से आग्रह करती हूं कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जाए। जानबूझकर मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। हजरत बल दरगाह में हाल ही में अशोक चिह्न वाली पट्टिका को अज्ञात लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके बाद कश्मीर में बड़ा विवाद पैदा हो गया था। अधिकतर राजनीतिक दलों ने अंद्राबी पर दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने व उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वक्फ बोर्ड को इस गलती के लिए माफी मांगनी चाहिए क्योंकि राष्ट्रीय प्रतीक सरकारी समारोहों के लिए है, धार्मिक संस्थानों के लिए नहीं। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) जैसे दलों ने कहा कि दरगाह में अशोक चिह्न का इस्तेमाल भड़काऊ और ईशनिंदा वाला कदम था। भाजपा ने पट्टिका को क्षतिग्रस्त करने की निंदा करते हुए दावा किया कि यह घटना घाटी में आतंकवाद व अलगाववाद को पुनर्जीवित करने का प्रयास है। यह पट्टिका गुरुवार को हजरत बल दरगाह के अंदर लगाई गई थी, जहां पैगंबर मोहम्मद के पवित्र चिह्न रखे हैं। इससे मुस्लिम समुदाय में रोष फैल गया और लोगों का कहना था कि दरगाह के अंदर कोई भी आकृति या प्रतीक रखना इस्लामी सिद्धांत के खिलाफ है। वीरेंद्र/ईएमएस/09सितंबर2025