राष्ट्रीय
09-Sep-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की याचिका पर सुनवाई टाल दी है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ बिहार और छत्तीसगढ़ में हुई एफआईआर को जोड़ने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट में रामदेव के खिलाफ छत्तीसगढ़ में दर्ज एफआईआर पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है। बता दें ये मामला कोविड काल के दौरान एलोपैथी के खिलाफ टिप्पणी करने से जुड़ा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अगर रामदेव के खिलाफ केवल बिहार में दर्ज एफआईआर ही बची है, तो क्या एफआईआर को एक साथ जोड़ने की उनकी याचिका बरकरार रहेगी? इस मामले में रामदेव के खिलाफ बिहार और छत्तीसगढ़ में एफआईआर दर्ज की गई थी। रामदेव इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और दोनों एफआईआर को जोड़ने की मांग की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने टाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट को मंगलवार को कहा कि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने योगगुरु और पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक रामदेव के खिलाफ कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर दर्ज एफआईआर के संबंध में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। इस पर जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा की पीठ ने पूछा कि एफआईआर को एक साथ जोड़ने की रामदेव की याचिका बरकरार नहीं रह सकती क्योंकि बिहार में केवल एक एफआईआर ही लंबित है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस घटनाक्रम की जानकारी दी। सॉलिसिटर जनरल ने टिप्पणी की कि ये एफआईआर स्पष्ट रूप से प्रायोजित व्यक्तियों द्वारा दर्ज की गई थीं। रामदेव के वकील ने अनुरोध किया कि आदेश में बयान दर्ज किया जाए। हालांकि पीठ ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि यदि शिकायतकर्ता विरोध याचिका दायर करता है तो कार्यवाही फिर से शुरू हो सकती है और इसलिए मामले का निपटारा करने से पहले बिहार में दर्ज एफआईआर की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। सिराज/ईएमएस 09सितंबर25