राज्य
09-Sep-2025


कांकेर(ईएमएस)। जिले में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। कभी हाथी खेतों में खड़ी फसल रौंद रहा है तो कभी भालू घरों में घुसकर रसोई का अनाज और सामान बर्बाद कर रहा है। जंगल से लेकर बस्ती तक फैले इस खतरे से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। बीते 24 घंटे में हाथी और भालू की दो बड़ी घटनाएं सामने आईं। प्रभावितों ने वन विभाग से मुआवजे की मांग की है। देर रात करीब ढाई बजे ग्राम कोदाभाट में होटल संचालक रामनाथ नेताम के घर में भालू घुस आया। उसने रसोई में रखा अनाज और खाद्य सामग्री बर्बाद कर दी, तेल पी लिया और बर्तन गिरा दिए। परिवारजन सुरक्षा के लिए अपने-अपने कमरे में बंद हो गए। करीब एक घंटे बाद भालू वहां से निकला, तब जाकर परिवार ने राहत की सांस ली। इधर, रविवार शाम को दुर्गूकोंदल विकासखंड में हाथी का उत्पात देखने को मिला। अंतागढ़ से लौटा हाथी कानापाल और झर्रीपारा गांवों के खेतों में घुस गया। किसान नरेश गावड़े के खेत में उसने धान की फसल खाई और बड़ी मात्रा में फसल रौंद दी। इसके बाद हाथी झर्रीपारा से होते हुए कई गांवों और जंगलों से गुजरता बालोद वनमंडल के महामाया परिक्षेत्र तक पहुंचा। सोमवार को उसे कांकेर–बालोद बॉर्डर पर घूमते देखा गया। जनपद सदस्य विकास नायक ने कहा कि हाथी दुर्गूकोंदल क्षेत्र में चौथी बार पहुंचा है। किसानों को लगातार फसलों का नुकसान हो रहा है। वन विभाग को चाहिए कि प्रभावित ग्रामीणों को तुरंत मुआवजा देकर राहत प्रदान करे। इधर, एक अन्य घटना में भालू ने प्लास्टिक की गेंद निगल ली, जो उसके गले में फंस गई। इससे वह छटपटाने लगा और जोर से आवाज भी नहीं निकाल पाया। काफी कोशिशों के बाद उसने गेंद बाहर निकाली, तब जाकर उसकी मुश्किल कम हुई। ईएमएस(राकेश गुप्ता)09 सितंबर 2025