बस्तर(ईएमएस)। जिले के बकावंड विकासखंड ने छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में एक नई मिसाल कायम की है। यहां की सभी 93 ग्राम पंचायतों में क्यूआर कोड आधारित प्रणाली शुरू की गई है। इसके जरिए ग्रामीण अब अपने गांव में पिछले पांच वर्षों में स्वीकृत कार्यों की पूरी जानकारी सिर्फ मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर पा सकेंगे। इस पहल के तहत मनरेगा समेत पंचायत स्तर पर कराए गए व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्यों का विवरण, उस पर हुआ खर्च और प्रगति की स्थिति जैसी सूचनाएं सीधे मोबाइल पर उपलब्ध होंगी। यह कदम न केवल समय और श्रम की बचत करेगा बल्कि ग्रामीणों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने और योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा। सितंबर से सभी पंचायतों में क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों को इसका उपयोग सिखाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। प्रशासन का मानना है कि इससे लोगों को जानकारी के लिए बार-बार पंचायत कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और योजनाओं की सामुदायिक निगरानी भी मजबूत होगी। बकावंड को बस्तर का सबसे शिक्षित और जागरूक विकासखंड माना जाता है, ऐसे में यहां ग्रामीण इस पहल को लेकर उत्साहित हैं। हालांकि, स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि क्यूआर कोड सिस्टम में भ्रष्टाचार से जुड़ी जानकारी भी शामिल हो, तो यह वास्तव में प्रभावी और क्रांतिकारी कदम होगा। लोगों का आरोप है कि ग्राम पंचायतों में डीएमएफटी, विधायक और सांसद निधि, बस्तर विकास प्राधिकरण और 15वें वित्त आयोग की राशि से कराए गए कार्यों में अक्सर खुला भ्रष्टाचार देखने को मिलता है। ग्रामीणों की मांग है कि क्यूआर कोड स्कैन करने पर इन कार्यों की असलियत और गड़बड़ियों का भी खुलासा होना चाहिए। सत्यप्रकाश(ईएमएस)09 सितंबर 2025