-समझदार स्त्री, पुरुष ही नहीं कॉलेज छात्र-छात्राओ और बच्चो के बीच भी बढ़ रहे सुसाइड के मामले -समय पर इलाज और काउसिंलिग मिलने पर रोकी जा सकती है, कई आत्महत्या (जुनेद अहमद) भोपाल(ईएमएस)। देश-प्रदेश सहित राजधानी भोपाल में भी विवाहित स्त्री-पुरुषों, कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही अब स्कूली बच्चों द्वारा किसी भी कारण तनाव या डिप्रेशन में आकर की जाने वाली आत्महत्याओ का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि इसे लेकर सरकार द्वारा कई जरुरी कदम उठाये गये हैं। और कई मनोचिकित्सक और साइकोलॉजिस्ट भी इस दिशा में लगातार प्रयास करते हुए लोगों के बीच जागरूकता फैला रहे हैं। डॉक्टरो का मानना है, कि यदि समय रहते तनाव में आए लोगों या बच्चचो की बात को समझ कर उनकी काउंसलिंग और उपचार किया जाए तो खुदकुशी की घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है। बीते दिनो सामने आई आत्महत्या की घटनायें - खजूरी सडक थाना इलाके में रहने वाले रिटायर्ड आर्मीमेन की तलाकशुदा बेटी अंजलि भदोरिया (32) ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। जॉच में सामने आया की करीब चार महीने पहले उसका पति से तलाक हो गया था, जिसके बाद से वह डिप्रेशन में रह रही थी। - कोहेफिजा थाना इलाके के लालघाटी में स्थित ओम नगर कॉलोनी में रहने वाली 14 साल की स्कूली छात्रा रेचल खूशलानी ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस जॉच में सामने आया है, कि छात्रा के माता-पिता का तलाक हो चुका है, जिसके बाद वह काफी तनाव में रहती थी, और काफी गुस्सा भी करती थी। - 6 सितंबर को गोविंदपुरा स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल की छठवीं कक्षा की छात्रा ने परिक्षा के चलते प्रेशर में स्कूल के फर्स्ट फ्लोर से छलांग लगा दी थी। गनीमत रही कि बच्ची की जान बच गई थी। उसके हाथ-पैर में फ्रैक्चर और कमर में गंभीर चोटें आईं है थी। - 25 अगस्त को कटारा हिल्स इलाके में माउंट कार्मल कॉन्वेंट में पढ़ने वाली 7वीं कक्षा की छात्रा आराध्या सिंह (13) ने स्कूल बैग में सिविक्स की कॉपी नहीं रखी थी, इस बात पर मां ने फटकार लगाई थी। इसके बाद छात्रा आराध्या ने देहदान का सुसाइड नोट छोड़कर फांसी लगा ली थी। - 2 अगस्त को अशोका गार्डन इलाके में 10वीं कक्षा की छात्रा जिकरा खान (18) ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। - 13 मई 2025 को एम्स के एक छात्र ने हॉस्टल के बाथरूम में चाकू से खुद की जान ले ली थी। पुलिस को छात्र के डिप्रेशन में होने की जानकारी मिली थी। - 23 जनवरी 2025 को अवधपुरी थाना में रहने वाली डीपीएस स्कूल की 12वीं की छात्रा ने अपने ही घर में आत्महत्या कर ली थी। वह अमेरिका के एक कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलने से परेशान थी। * क्या है आत्महत्या के कारण बीते कई सालो से प्रदेश भर में आत्महत्याओ को रोकने की दिशा में लगातार काम कर रहे साइक्लसोजिस्ट, मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट, लेखक और रिसर्चर राजधानी निवासी डॉक्टर डॉक्टर संदीप गोहे का कहना है, कि डिप्रेशन में आए व्यक्ति या बच्चे उदासी और गहरी निराशा से घिर जाते हैं, और किसी भी बात को लेकर खुद को अपराधी समझते हुए गुमसुम और अकेले रहने लगते हैं। ऐसे ही हालत में वह खुद को कसूरवार मानते ही अपनी जान देने का जजमेंट लेते हुए आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। * खुदकुशी रोकने के उपाय आत्महत्या रोकथाम के लिए बीते कई सालों से लगातार प्रयास करते हुए अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही लेख लिख कर लोगो को जागरुक कर रहे डॉक्टर संदीप गोहे का कहना है, कि रहे हैं डिप्रेशन में आकर खुदकुशी करने का सबसे बड़ा कारण यह है, कि हम तनावग्रस्त व्यक्ति की मानसिक स्थिति को समझते नहीं है, और न ही उसे किसी मनोचिकित्सक या साइकोलॉजिस्ट के पास लेकर जाते। क्योंकि मनोचिकित्सक या साइकोलॉजिस्ट के पास जाने पर लोगो की यह धारणा बनी है की वह कहेगें यह पागल हो गया है। हालांकि यह बिल्कुल गलत है, साइकोलॉजिस्ट और मनोचिकित्सक डिप्रेशन में आए लोगों से काउंसलिंग कर उनकी बातों को समझते हुए तनाव से बाहर निकालने के तरीके बताते हैं, और दवाओ से उपचार करते है, इससे पीड़ित तनाव से बाहर आकर आत्महत्या जैसा कदम त्याग देते है। * डिप्रेशन में आये तो क्या करें डॉक्टर सदींप गोहे का ने बताया की तनाव-डिप्रेशन से आये लोगों से परिवार वाले बातचीत कर उनकी परेशानी को समझे, उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं और उनकी समय पर काउंसलिंग और इलाज कराये। डिप्रेशन में आए व्यक्ति अपनी जीवन शैली या दिनचर्या बदलते हुए पूरी तरह नींद ले, व्यायाम और मेडिटेशन करें। अपनी खान-पान की आदत बदले वह जल्द ही डिप्रेशन से पूरी तरह बाहर आ सकते हैं। जुनेद / 9 सितंबर