राज्य
09-Sep-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। डॉ. गीता वाणी रायसम ने आज सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (एनआईएससीपीआर) की नई निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण किया। अपने पदभार ग्रहण समारोह में कर्मचारियों, शोधकर्ताओं और छात्रों को संबोधित करते हुए, डॉ. रायसम ने संस्थान की सुदृढ़ विरासत पर जोर दिया तथा विज्ञान संचार और विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार (एसटीआई) नीति के लिए परिवर्तनकारी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत की विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और तेज़ी से उभरती वैश्विक चुनौतियों के युग में प्रासंगिक बने रहने के लिए कुशल और लचीले मॉडलों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, एनआईएससीपीआर को पारंपरिक दृष्टिकोणों से आगे बढ़कर और समय की ज़रूरतों पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। कनेक्टिंग द अनकनेक्टेड विषय पर जोर देते हुए, डॉ. रायसम ने कहा कि एनआईएससीपीआर को वैश्विक दक्षिण और विश्व के लिए एक आदर्श के रूप में कार्य करना चाहिए तथा संपूर्ण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समुदाय की आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए। उन्होंने विज्ञान संचार को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया और जन सहभागिता बढ़ाने के लिए उच्च-गुणवत्ता वाली भारतीय पत्रिकाओं, डिजिटल प्लेटफार्मों, नागरिक विज्ञान पहलों और विज्ञान-कला सहयोग के विकास को प्रोत्साहित किया। डॉ. रायसम ने कहा कि विज्ञान संचार के उभरते परिदृश्य में, डिजिटल साक्षरता, सोशल मीडिया का ज़िम्मेदारीपूर्ण उपयोग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरणों के साथ सक्रिय जुड़ाव, भरोसा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने उल्लेख किया कि उभरती हुई प्रौद्योगिकियां चुनौतियों का सामना करती हैं, लेकिन वे अधिक लोगों तक पहुंचने और विज्ञान-समाज के बीच मज़बूत संबंध बनाने के अभूतपूर्व अवसर भी प्रदान करती हैं। संदीप/देवेंद्र/नई दिल्ली/ईएमएस/09/सितंबर/2025