:: इंदौर में मंत्री प्रहलाद पटेल की पुस्तक परिक्रमा कृपा सार का विमोचन, बोले- दुनिया श्रद्धा और विश्वास पर चलती है :: इंदौर (ईएमएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रविवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में नर्मदा खंड सेवा संस्थान के कार्यक्रम में शिरकत की, जहाँ उन्होंने मध्य प्रदेश के मंत्री प्रहलाद पटेल द्वारा लिखित पुस्तक परिक्रमा कृपा सार का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होने आधुनिक दुनिया की चुनौतियों और भारतीय संस्कृति की महत्ता पर अपने विचार रखे। संघ प्रमुख भागवत ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के उस पुराने बयान का जिक्र करते हुए, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत स्वतंत्रता के बाद बिखर जाएगा, कहा, चर्चिल की वह भविष्यवाणी झूठी साबित हुई। आज खुद इंग्लैंड बंटने की कगार पर है, पर हम नहीं बंटेंगे। हम आगे बढ़ेंगे। हम कभी बंट गए थे, लेकिन वह भी हम मिला लेंगे फिर से। उन्होंने कहा कि हमारा देश ज्ञान, कर्म और भक्ति की संतुलित त्रिवेणी के बल पर लगातार प्रगति कर रहा है। :: निजी स्वार्थ और अहंकार हैं संघर्ष की जड़ :: डॉ. भागवत ने दुनिया में बढ़ रहे संघर्षों पर बात करते हुए कहा कि इनकी जड़ लोगों के मन में बसा अहम है। उन्होंने कहा, सभी के मन में यह सोच है कि केवल मैं ही आगे बढ़ूँ और दूसरा कोई आगे न बढ़े, इसलिए सभी आपस में भिड़े हुए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि निजी स्वार्थ और अहंकार ही दुनिया में संघर्ष और टकराव की असली वजह हैं। उन्होंने भारत की पारंपरिक सोच पर जोर देते हुए कहा, हमारा देश तर्क और शास्त्रार्थ में कहीं भी पीछे नहीं है, लेकिन यहाँ के लोग जानते हैं कि जीवन श्रद्धा और विश्वास से चलता है। उन्होंने कहा कि हमारी श्रद्धा काल्पनिक नहीं है, बल्कि उसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं, जो प्रयास और प्रयोग करने पर मिलते हैं। उन्होंने कहा कि इसी श्रद्धा को हमने भवानी और शंकर का रूप दिया है, क्योंकि भगवान हमारे अंदर हैं और बिना श्रद्धा के उनके दर्शन नहीं हो सकते। उन्होंने आधुनिक समाज की प्रवृत्ति पर कटाक्ष करते हुए कहा, गला और जेब काटने का काम पहले केवल दर्जी करते थे, लेकिन अब पूरी दुनिया यही कर रही है। उन्होंने बाज और कबूतर की कहानी का उदाहरण देते हुए समझाया कि जीवन में ज्ञान और कर्म दोनों ही जरूरी हैं। केवल ज्ञानी होकर निष्क्रिय रहना ठीक नहीं है और ज्ञान के बिना किया गया कर्म मूर्खतापूर्ण हो सकता है। कार्यक्रम में मंत्री प्रह्लाद पटेल ने अपनी पुस्तक परिक्रमा कृपा सार के बारे में बताया, जो उनकी नर्मदा परिक्रमा के अनुभवों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस पुस्तक को पहले छापने से मना कर दिया था, क्योंकि उनका मकसद नर्मदा को बेचना नहीं था। पटेल ने कहा कि इस पुस्तक की बिक्री से मिलने वाला एक-एक पैसा गौसेवा और परिक्रमावासियों की मदद पर खर्च होगा। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियाँ मौजूद थीं, जिनमें महामंडलेश्वर ईश्वरानंद महाराज (उत्तम स्वामी), मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट, विश्वास सारंग, राकेश शुक्ला, चैतन्य काश्यप, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री हितान्नद शर्मा, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, मेयर पुष्यमित्र भार्गव आदि शामिल थे। कार्यक्रम में सांसदों व विधायकों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्धजन, संत समाज, समाजसेवी एवं बड़ी संख्या में पथिक परिवार की ऊर्जामयी उपस्थिति रही। प्रकाश/14 सितम्बर 2025