क्षेत्रीय
15-Sep-2025
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गुना (ईएमएस) । सोमवार को जिलेभर के स्वास्थ्यकर्मी लामबंद होकर कलेक्टोरेट पहुंचे और सार्थक ऐप से हाजिरी लगाने की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान न्यू बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला शाखा के नेतृत्व में कलेक्टोरेट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया गया। बाद में स्वास्थ्यकर्मियों ने डिप्टी कलेक्टर मंजूषा खत्री को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। स्वास्थ्यकर्मियों का कहना था कि विभाग ने हाल ही में आदेश जारी कर दिया है कि सभी कर्मचारियों को सार्थक ऐप के जरिए हाजिरी लगानी होगी। यह व्यवस्था व्यावहारिक नहीं है और इससे फील्ड में काम कर रहे कर्मचारियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ऐप से उपस्थिति दर्ज करने पर जताई आपत्ति संघ के जिलाध्यक्ष शमसुननिशा कुरैशी और जिला सचिव मंजू सिकरवार ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारी पहले से ही विभागीय पोर्टल यूविन और अनमोल पर अपने कार्यों की प्रविष्टि करते हैं। ऐसे में अलग से ऐप पर हाजिरी लगाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकतर कर्मचारी दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में कार्यरत रहते हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं होती। ऐसे में समय पर ड्यूटी स्थल पर पहुंचने के बाद भी उनकी अनुपस्थिति दर्ज हो सकती है। इमरजेंसी सेवाओं पर पड़ेगा असर कर्मचारियों ने यह भी बताया कि फील्ड में कार्यरत एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मी अक्सर अचानक सूचना मिलने पर अपना टूर प्रोग्राम बदलते हैं और आपातकालीन सेवाओं पर फोकस करते हैं। इस बीच ऐप पर उपस्थिति दर्ज करना भूल जाने पर उन्हें गैरहाजिर दिखा दिया जाएगा। इससे सेवाओं पर विपरीत असर पड़ेगा। कोरोना काल की सेवाओं का किया जिक्र ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना सेवाएं दी थीं। ऐसे में अब उनकी ईमानदारी पर संदेह करते हुए ऐप से हाजिरी दर्ज कराने का दबाव बनाना उनका अपमान है। संघ ने यह भी आशंका जताई कि सार्थक ऐप किसी निजी कंपनी द्वारा तैयार किया गया है। इसमें कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारी, फोटो और आईरिस स्कैन जैसे डाटा दर्ज किए जाते हैं, जिससे प्राइवेसी पर खतरा है। शिक्षा विभाग में ई-अटेंडेंस के चलते पहले कई फर्जीवाड़े भी सामने आ चुके हैं। इसके अलावा कई पुराने कर्मचारी अभी भी की-पैड मोबाइल का उपयोग करते हैं। स्मार्टफोन, इंटरनेट रिचार्ज खत्म होने, फोन गुम होने या तकनीकी गड़बड़ी जैसी स्थिति में हाजिरी दर्ज करना मुश्किल हो जाएगा। मैनुअल उपस्थिति ही जारी रहे स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि पहले से ही विभाग के पास मॉनिटरिंग की व्यवस्था है। बीईई, मेडिकल ऑफिसर, बीएमओ, सीबीएमओ, डीआईओ और सीएमएचओ जैसे अधिकारी लगातार कर्मचारियों के संपर्क में रहते हैं। ऐसे में ऐप से हाजिरी अनिवार्य करना अनावश्यक है। उन्होंने मांग की कि सार्थक ऐप से उपस्थिति दर्ज करने की अनिवार्यता को समाप्त कर मैनुअल उपस्थिति की पुरानी व्यवस्था लागू रखी जाए, ताकि कर्मचारी भयमुक्त होकर अपनी सेवाएं दे सकें। -सीताराम नाटानी (ईएमएस)