-यह राशि सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में की जाएगी जमा बेंगलुरु,(ईएमएस)। कर्नाटक हाईकोर्ट ने तीन आयुर्वेदिक कॉलेज पर तीन करोड़ रुपए का जुर्माना ठोका है। इन कॉलेजों ने कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) से आवंटन पत्र हासिल किए बिना छात्रों को प्रवेश दे दिया। पीठ ने इन कॉलेजों पर जुर्माना लगाया। यह राशि सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में जमा की जाएगी। मतलब जुर्माने की राशि सेना कल्याण कोष में जमा होगी। हाई कोर्ट ने टीएमएई सोसाइटी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, शिवमोग्गा को एक वर्षीय बीएएमएस पाठ्यक्रम के 2022-23 बैच में 20 छात्रों और 2023-24 के एक वर्षीय बीएएमएस पाठ्यक्रम में 27 छात्रों के प्रवेश के लिए 75-75 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। रामकृष्ण मेडिकल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, येलहंका, बेंगलुरु को 2022-23 शैक्षणिक वर्ष में 31 छात्रों को स्वतंत्र रूप से प्रवेश देने के लिए 75 लाख रुपए का जुर्माना ठोका है। अच्युत आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु पर भी एक वर्षीय बीएएमएस पाठ्यक्रम के लिए इसी अवधि में 39 छात्रों को प्रवेश देने के लिए 75 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कॉलेजों ने खाली सीटों पर किए गए प्रवेशों की मंजूरी और उन छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति मांगने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अंतरिम आदेशों ने छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दे दी है। कॉलेज प्रबंधन ने तर्क दिया कि खाली सीटों पर छात्रों को प्रवेश देना किसी भी कानूनी प्रावधान का उल्लंघन नहीं है। न्यायमूर्ति डीके सिंह और न्यायमूर्ति वेंकटेश नाइक टी की खंडपीठ ने उनकी दलीलें खारिज कर दी है। पीठ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि याचिकाकर्ता संस्थानों के केईए द्वारा काउंसलिंग के जरिए से किए गए आवंटन से परे छात्रों के प्रवेश राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग के विरुद्ध हैं। याचिकाकर्ता संस्थानों को स्वीकृत प्रवेश के विरुद्ध छात्रों को प्रवेश देने का अधिकार हो सकता है। हालांकि, प्रवेश केवल एमएसएई विनियमों के मुताबिक ही किए जाने चाहिए और कॉलेजों का प्रबंधन स्वयं प्रवेश देने का हकदार नहीं है। पीठ ने बताया कि याचिकाकर्ता संस्थानों का अधिकार पूरा नहीं है और यह संबंधित नियमों और प्रवेश प्रक्रियाओं के अधीन है। मानकों को बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने एनसीआईएसएम अधिनियम, 2020 लागू किया, जिसका उद्देश्य देश भर में गुणवत्तापूर्ण और सस्ती चिकित्सा शिक्षा और उच्च-गुणवत्ता वाले चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। एनसीआईएसएम को शिक्षा और प्रवेश के मानकों को बनाए रखने के लिए नियम बनाने का अधिकार है। प्रवेश प्राप्त छात्रों के हितों की रक्षा के लिए कोर्ट ने कॉलेजों को केईए आवंटन के बाहर प्रवेश प्राप्त सभी छात्रों का विवरण केईए के पात्रता सत्यापन के लिए 10 दिनों के अंदर पेशर करने का निर्देश दिया। सिराज/ईएमएस 15सितंबर25