• मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी : 2013 से 2023 के बीच गुजरात में एमएमआर में 54.5% की गिरावट गांधीनगर (ईएमएस)| गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हाल ही में 13 सितम्बर को अपने जनसेवा के चार वर्ष पूरे किए। मुख्यमंत्री पटेल ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पनाओं को आगे बढ़ाते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण और मातृ स्वास्थ्य सुधार को शासन की प्राथमिकताओं में प्रमुख स्थान दिया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री पटेल के नेतृत्व में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गुजरात ने पिछले 4 सालों में उल्लेखनीय प्रगति की है। हाल के वर्षों में राज्य की नमो श्री योजना लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है जिसने हर वर्ग की गर्भवती महिलाओं और माताओं के स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि नमो श्री योजना मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है जिसे फरवरी 2024 में लॉन्च किया गया था और मात्र डेढ़ साल की छोटी से अवधि में इस योजना ने 6 लाख 21 हजार से अधिक लाभार्थियों तक अपनी पहुँच बना ली है जिन्हें रु. 354 करोड़ से अधिक का आर्थिक लाभ सीधे उनके बैंक अकाउंट में दिया गया है। वहीं पंजीकरण की बात करें तो मात्र डेढ़ साल की छोटी सी अवधि में 07 सितम्बर 2025 तक राज्य की लगभग 11 लाख लाभार्थी महिलाएँ पंजीकृत हैं। पोषण से आर्थिक सशक्तिकरण तक, क्या है नमो श्री योजना? नमो श्री योजना के तहत पात्र महिलाओं को उनके पहले दो जीवित बच्चों के लिए चरणबद्ध रूप से रु. 12,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो केंद्र की पीएमएमवीवाय और जेएसवाय योजनाओं के लाभों के साथ संयुक्त रूप से प्रदान की जाती है। पहली गर्भावस्था में सहायता चार चरणों में मिलती है: पंजीकरण पर रु. 5,000 (राज्य रु. 2,000 + केंद्र रु. 3,000), गर्भावस्था के छह महीने बाद रु. 2,000 (राज्य), संस्थागत प्रसव के तुरंत बाद रु. 3,000 (राज्य) और 14वे सप्ताह के टीकाकरण के बाद रु. 2,000 (केंद्र सरकार द्वारा) । वहीं दूसरी गर्भावस्था के लिए सहायता की प्रक्रिया थोड़ी भिन्न है। इसमें पंजीकरण के समय रु. 2,000, छह माह की गर्भावस्था के बाद रु. 3,000, संस्थागत प्रसव के बाद रु. 6,000 (लड़की हो तो सहायता केंद्र की ओर से और यदि लड़का है तो राज्य सरकार की ओर से), तथा 14वे सप्ताह के टीकाकरण के पश्चात राज्य सरकार रु. 1,000 देती है। नमो श्री योजना के लिए कैसे होता है आवेदन? गुजरात सरकार की महत्वाकांक्षी नमो श्री योजना का लाभ अब महिलाओं तक और भी सरल और पारदर्शी तरीके से पहुँच रहा है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण स्वास्थ्य केंद्र से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक राज्य स्तरीय TeCHO+ पोर्टल पर किया जाता है, जहाँ लाभार्थी से संबंधित आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड किए जाते हैं। इसके बाद इन दस्तावेज़ों का सत्यापन स्वास्थ्य केंद्र और तालुका स्तर पर किया जाता है, और अंतिम पुष्टि राज्य स्तर पर PFMS प्रणाली के माध्यम से होती है। इसके बाद लाभार्थी महिला के बैंक खाते में सीधे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से राशि जमा की जाती है। इस सुव्यवस्थित प्रक्रिया ने महिलाओं को योजना का लाभ मिलने में समयबद्धता और पारदर्शिता को सुनिश्चित किया है। मातृत्व स्वास्थ्य में गुजरात ने दर्ज की बड़ी सुधार, 2013 से 2023 के बीच MMR में 54.5% की कमी गुजरात में 2013 से 2023 के बीच यानी 10 सालों में मातृ मृत्यु दर 112 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म की तुलना में 54.5% घटकर, वर्तमान में (2023 तक के आँकड़ों के अनुसार) 51 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म तक पहुँच गया है। यह आंकड़ा न केवल राष्ट्रीय औसत 88 से काफी कम है, बल्कि गुजरात ने 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 70 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म के लक्ष्य को तय समय से काफी पहले ही हासिल कर लिया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है। उल्लेखनीय है कि ये सभी प्रभावी परिणाम केंद्र व राज्य की योजनाओं का संयुक्त परिणाम हैं, जिसके तहत राज्य में नमो श्री योजना के साथ-साथ एसयूएमएएन, पीएमएसएमए, ममता, खिलखिलाट जैसी योजनाएँ भी गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य व पोषण का ध्यान रख रही हैं। सतीश/15 सितंबर