तेल अवीव,(ईएमएस)। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहली बार स्वीकार किया कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते अलगाव का सामना कर रहा है और आने वाले वर्षों में उसे अधिक आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा। नेतन्याहू ने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद छिड़े युद्ध के चलते इजरायल को दो नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पहला मुस्लिम देशों से लगातार प्रवास के चलते यूरोप में मुस्लिम आबादी प्रभावशाली अल्पसंख्यक बन गई है, जो इजरायल-विरोधी नीतियों के लिए दबाव डाल रही है। दूसरा कतर, चीन और अन्य प्रतिद्वंद्वी एनजीओ व देशों द्वारा सोशल मीडिया और एआई तकनीकों के माध्यम से पश्चिमी मीडिया को प्रभावित किया जा रहा है। नेतन्याहू ने विशेष रूप से टिकटॉक का उदाहरण दिया। वित्त मंत्रालय के अकाउंटेंट जनरल सम्मेलन में बोलते हुए नेतन्याहू ने कहा, इजरायल एक तरह से अलग-थलग पड़ गया है। हमें ऐसी अर्थव्यवस्था के लिए तैयार होना होगा जिसमें आत्मनिर्भरता की विशेषताएं हों। हालांकि उन्होंने आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को अपनी सबसे नापसंद शब्दावली बताया, लेकिन स्वीकार किया कि हालात देश को उस दिशा में धकेल रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यूरोपीय देशों द्वारा लगाए जा सकने वाले हथियार प्रतिबंध और संभावित आर्थिक प्रतिबंध इजरायल को मजबूर करेंगे कि वह अपनी रक्षा उत्पादन क्षमता देश के भीतर ही विकसित करे। उन्होंने कहा, हमें न केवल अनुसंधान और विकास, बल्कि हथियारों के घरेलू उत्पादन की क्षमता भी बढ़ानी होगी। प्रधानमंत्री के इस बयान पर इजरायली राजनीतिक विपक्ष और उद्योग जगत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विपक्षी नेता याएर लैपिड ने कहा, अलग-थलग पड़ना कोई भाग्य नहीं है, यह नेतन्याहू और उनकी सरकार की विफल नीतियों का नतीजा है। डेमोक्रेट्स पार्टी के प्रमुख याएर गोलन ने आरोप लगाया कि नेतन्याहू अपनी सत्ता बचाने के लिए इजरायल को ‘स्थायी युद्ध और अलगाव’की ओर धकेल रहे हैं। पूर्व युद्ध कैबिनेट सदस्य गादी आइजनकोट ने कहा, अगर प्रधानमंत्री समाधान नहीं खोज सकते तो उन्हें सत्ता छोड़ देनी चाहिए। इजरायल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रॉन टोमर ने कहा कि आत्मनिर्भर बाजार इजरायल की अर्थव्यवस्था के लिए आपदा होगा और हर नागरिक की जीवन गुणवत्ता को प्रभावित करेगा। हाई-टेक फोरम ने व्यंग्य करते हुए पूछा, “क्या प्रधानमंत्री का विजन यही है कि हम फिर से संतरे बेचने वाले देश बन जाएं?” प्रधानमंत्री के भाषण के तुरंत बाद तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज 2% तक गिर गया, हालांकि दिन के अंत तक कुछ सुधार दर्ज किया गया। वीरेंद्र/ईएमएस/16सितंबर2025 -----------------------------------