राज्यपाल के नोटिफिकेशन का उल्लंघन न हो, मंच ने पत्र लिखा जबलपुर, (ईएमएस)। प्रदेश के 20 सरकारी कॉलेजों में कृषि पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय राज्यपाल के नोटिफिकेशन के तहत क्रियान्वित किया जाये। इस नोटिफिकेशन में ऐसे संस्थानों को कृषि विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध किये जाने के स्पष्ट निर्देश है। पूर्व में कुछ संस्थानों के संबंध में एफिलिएशन के संबंध में मप्र शासन ने कृषि विश्वविद्यालय से पत्राचार किया था| किन्तु दबाववश बाद में चुप्पी साधी गई। अब कृषि विवि के अस्तित्व को खतरा बढ़ा है। यह पत्र आज डॉ. पी.जी.नाजपांडे ने सचिव म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग को भेजा है तथा उसकी प्रतिलिपियां जबलपुर एवं ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपतियों को भी भेजी। प्रदेश सरकार को पत्र में याद दिलाई कि 16 मई 2011 के राजपत्र में प्रकाशित राज्यपाल के नोटिफिकेशन के तहत स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश में कृषि शिक्षण यदि कोई महाविद्यालय में स्थापित होता है तो वह कृषि विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हो जायेगा। अत: राज्य सरकार द्वारा कृषि पाठ्यक्रम वर्तमान शैक्षणिक सत्र वर्ष 2025–26 से 20 सरकारी कॉलेजों में प्रारंभ किये जाने के पूर्व में राज्यपाल के निर्देशों के तहत प्रदेश के दोनों कृषि विश्वविद्यालयों से एफिलियेशन किये जाने की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जानी चाहिए। अन्यथा उच्च शिक्षा विभाग राज्यपाल के निर्देशों का उल्लंघन कर रहा है यह माना जायेगा। डॉ. पी.जी. नाजपांडे ने बताया कि म.प्र. शासन ने 6 माह पूर्व कुछ कॉलेजों में कृषि शिक्षा शुरू करने हेतु जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय से एफिलियेशन पर पत्राचार भी किया था किन्तु बाद में शासन चुप बैठ गया। स्पष्ट है कि उच्च शिक्षा विभाग दबाव में काम कर रहा है। शहर के 3 कॉलेजों में पाठ्यक्रम शुरू होगा....... उच्च शिक्षा विभाग के 20 सरकारी कॉलेजों में कृषि शिक्षा शुरू करने के निर्देश में जबलपुर के 3 कॉलेज – आदर्श विज्ञान कॉलेज, मोहनलाल हरगोविंददास गृह विज्ञान कॉलेज तथा मानकुंवर बाई पी.जी. कॉलेज भी शामिल है। सुनील साहू / मोनिका / 16 सितबंर 2025/ 04.54