लेख
16-Sep-2025
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(सौजन्य से पीआईबी) प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के शासन करने, विश्व के साथ सहयोग करने और अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के तरीके को नये सिरे से परिभाषित किया है। यद्यपि यह आवश्यक नहीं है कि शासन के क्षेत्र में हर पहल तकनीकी रूप से पहली ही हो, लेकिन सबसे विशिष्ट बात यह है कि मोदी सरकार ने उन्हें ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचा दिया है, उन्हें दैनिक जीवन की मुख्यधारा में शामिल कर दिया है और साहसिक, नवोन्मेषी तरीकों से उन्हें संस्थागत बना दिया है। ये ऐतिहासिक उपलब्धियां उन क्षणों की प्रतीक हैं जब प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने उन्हें पृथक तरीके और उल्लेखनीय रूप से अभूतपूर्व परिमाण पर अपनाए। प्रौद्योगिकी-संचालित शासन · डिजिटल इंडिया: प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 2015 में डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत की, जिसमें एक ऐसे राष्ट्र की परिकल्पना की गई जहां हर नागरिक को डिजिटल पहुंच की सुविधा प्राप्त हो, सरकारी सेवाएं एक बटन के क्लिक पर उपलब्ध हों और सुदूरवर्ती गांव भी हाई-स्पीड इंटरनेट से जुड़े हों। · इंडिया स्टैक और आधार एकीकरण: मोदी सरकार ने इंडिया स्टैक - भुगतान, ई-हस्ताक्षर और पहचान के लिए एपीआई खोलने - को बढ़ावा दिया जिससे भारत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में वैश्विक रूप से अग्रणी देश बन गया। · यूपीआई क्रांति: उनके नेतृत्व में, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने भारत को उन प्रमुख देशों में से एक में बदल दिया, जहां वास्तविक समय, निर्बाध डिजिटल भुगतान जगमगाते शहरों से लेकर ग्रामीण बाजारों तक सभी के लिए एक वास्तविकता बन गया। · टेक-फर्स्ट ब्यूरोक्रेसी: श्री मोदी ने प्रशासनिक अधिकारियों को प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया, उन्हें नवोन्मेषण, विशेष रूप से स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए उत्प्रेरक बनने के लिए प्रोत्साहित किया। आर्थिक नीति और समाज कल्याण · मेक इन इंडिया: श्री मोदी ने वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने और भारत को एक विनिर्माण महाशक्ति में बदलने के लिए इस प्रमुख पहल की शुरुआत की, जो देश को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम है। · पीएम जन धन योजना: अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन अभियान, जो बैंकिंग सुविधा से वंचित करोड़ों नागरिकों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में शामिल करता है। · प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण: सब्सिडी और कल्याण के लिए आधार-सक्षम प्रत्यक्ष हस्तांतरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिससे भारत लाभार्थी को लक्षित करने में अग्रणी देश बन गया। · उज्ज्वला योजना: लाखों निर्धन परिवारों तक भोजन पकाने का स्वच्छ ईंधन पहुंचाया, जो गरिमा और सशक्तिकरण का प्रतीक है। नवोन्मेषण, विज्ञान और अवसंरचना · अंतरिक्ष और डिजिटल नेटवर्क: भारत ने दूरसंचार, 5जी और 6जी रेडीनेस की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है, समुद्र के नीचे केबलों और फाइबर नेटवर्क का एक जाल सा बुन दिया है, जिससे सबसे दूर के और समुद्री अंतर्क्षेत्र भी ऑनलाइन हो गये हैं। · आईएनएस विक्रांत: उन्नत रक्षा नवोन्मेषण के लिए भारत का पहला स्वदेशी रूप से निर्मित विमानवाहक पोत कमीशन किया गया। · एआई और क्वांटम पुश: लक्षित सरकारी कार्यक्रमों के साथ, भारत एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग और साइबर फोरेंसिक में वैश्विक रूप से अग्रणी देश के रूप में उभरने के लिए तैयार है। विधायी और संरचनात्मक सुधार · भारतीय न्याय संहिता और नए आपराधिक कानून (2023): औपनिवेशिक युग के आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह, श्री मोदी सरकार ने 150 वर्षों में भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में सबसे व्यापक बदलाव किया, जिसमें गति, पारदर्शिता और पीड़ित-आधारित न्याय पर ध्यान केंद्रित किया गया। · अप्रचलित कानूनों को निरस्त करना: मोदी सरकार ने केवल तीन वर्षों में 1,200 से अधिक अप्रचलित कानूनों को समाप्त कर दिया, जो छह दशक पहले के संयुक्त कुल कानूनों से अधिक था। · अनुपालन को अपराध की श्रेणी से बाहर करना: मोदी सरकार ने 40,000 से अधिक पुराने अनुपालनों को समाप्त कर दिया और उद्यमियों के लिए दंड को कम कर दिया, जिससे एक व्यवसाय-समर्थक इको-सिस्टम का निर्माण हुआ। · एक राष्ट्र, एक चुनाव: शासन में दक्षता के उद्देश्य से एक साथ राष्ट्रीय और राज्य चुनावों की अवधारणा को शुरू किया और आगे बढ़ाया। विदेश नीति नवोन्मेषण · श्री मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का नेतृत्व किया, जिससे योग एक शक्तिशाली वैश्विक सॉफ्ट पावर टूल के रूप में रूपांतरित हो गया। · शपथ ग्रहण समारोह में दक्षेस नेता: श्री मोदी अपने शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) देशों के नेताओं को आमंत्रित करने वाले पहले व्यक्ति थे, जो क्षेत्रीय सहयोग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का संकेत देता है। · फास्ट-ट्रैक और पैरा डिप्लोमेसी: श्री मोदी ने राज्यों और शहरों से वैश्विक साझेदारी विकसित करने का आग्रह करके भारत की कूटनीति को पुनः अनुकूलित किया, जिससे भारत के बाह्य सहयोग में विविधता आई। · नेबरहुड फर्स्ट, एक्ट ईस्ट, थिंक वेस्ट, सागर: इन नीतियों ने क्षेत्रीय मामलों में भारत की सक्रिय भूमिका को प्रणालीगत बनाया। ईएमएस/16/09/2025