सिरोंज (ईएमएस)। क्षेत्र के दीपनाखेड़ा थाना के लॉकअप में सोमवार रात एक बंद आरोपी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान ग्राम मोहनपुर निवासी देशराज अहिरवार 45 वर्ष के रूप में हुई है, जिसे पुलिस ने दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर लॉकअप में बंद किया था। इसी लॉकअप में गोवंश का मांस पकाने के मामले में दो अन्य आरोपी भी रखे गए थे। पुलिस के मुताबिक, तीनों आरोपी एक ही लॉकअप में थे। रात के दौरान देशराज ने अपने लोवर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब एक ही बैरक में तीन आरोपी बंद थे तो पुलिस की निगरानी में यह घटना कैसे हो गई? घटना के समय रात्रि पाली में ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मी कहां थे और उन्होंने ऐसी गंभीर लापरवाही कैसे बरती। स्थानीय लोगों का कहना है कि थाना परिसर में ही थाना प्रभारी निवासरत रहते हैं, फिर भी आरोपी ने फांसी कैसे लगा ली। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं। थानों में बंद आरोपी यदि सुरक्षित नहीं हैं तो आमजन की सुरक्षा पर भी प्रश्न उठना स्वाभाविक है। पुलिस की जिम्मेदारी आरोपी को सुरक्षित न्यायालय तक पहुंचाने की होती है, लेकिन इस मामले में उनकी लापरवाही साफ झलक रही है।जानकारी के अनुसार, घटना सोमवार रात की है, किंतु यह मामला मंगलवार सुबह प्रकाश में आया। इससे भी पुलिस की भूमिका पर संदेह गहराता जा रहा है। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई और लोगों में आक्रोश देखने को मिला। सूचना मिलते ही सिरोंज की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अंकिता जैन मौके पर पहुंचीं और न्यायिक जांच प्रारंभ कराई। फॉरेंसिक टीम ने जांच की, वहीं मृतक के परिजन एवं ग्राम सरपंच की मौजूदगी में पंचनामा बनाया गया। फिलहाल जांच जारी है, परंतु इस घटना ने पुलिस प्रशासन की लापरवाह कार्यशैली को फिर से उजागर कर दिया है। हवालात में संदिग्ध मौत, इसलिए पुलिस पर उठ रहे सवाल - वही पुलिस हवालात में बंद आरोपी देशराज की संदिग्ध मौत ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, देशराज बीफ मांस पकाने के मामले में गिरफ्तार आरोपी इकबाल खान और मुजम्मिल खान के साथ इसी लॉकअप में बंद था। पुलिस का कहना है कि जब दोनों अन्य आरोपियों ने शोर मचाया, तब तक देशराज की मौत हो चुकी थी। इस घटना ने न केवल पुलिस की सतर्कता पर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं, बल्कि लॉकअप में सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर भी कई आशंकाएं गहरा गई हैं। वहीं प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। लॉकअप में मौजूद अन्य आरोपियों की भूमिका पर भी जांच की सुई घूम रही है। सवाल यह है कि क्या पुलिस समय रहते हस्तक्षेप कर सकती थी और क्या इस मौत के पीछे कोई गहरी साजिश छिपी है ,, ,,इनका कहना हे,,, पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि थाना दीपनाखेडा मे हवालात मे एक आरोपी द्वारा सुसाइड का मामला सामने आया हे जिसमे प्रारंभिक मजिस्ट्रेटल जांच की जा रही हे वही प्रत्येक कार्यवाही की वीडियो ग्राफी कराई जा रही हे मामले की सूचना मानव अधिकार आयोग को दी जा रही हे ,मामले मे जिसकी लापरवाही पाई जायेगी उस पर कार्यवाही की जावेगी,, ईएमएस/सलमान खान/ 16 सितंबर 2025